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________________ [72] दिन प्रतई सालणां त्रिणि कलपई; गांठसीनउं जावजीव पचखाण; जिवारई छूटइ तिवारई चउविहार; इम करतां विहरी आव्या पछी गांठसी छूटी सांभरइ तउ ते आहार जती वाधतो ऊसारइ तउ पचखाण भंग न थाइ; इम करतां ते आहार जती न खपावइ तो ते आहार हुं करी ऊठउं अनइ ऊठीनइ चउविहार पचखाण करुं । वली सहस्र सझाय उभां गणउं - ए बोल आठमो । ८ जावजीव बियासणउं तिविहार करिवउं - ए नवमो बोल । ९ पांणी पोतानी मात्राना तवा (?) पचखाण । इम करतां जती भगतई करावइ तो करें - ए बोल दसमो । १० दिन प्रतइं देवदर्शन करिवठं, इम करतां वरांसइ न थाइ तु बीजइ दिवस सालणउं निषेध - ए बोल इग्यारमउ । ११ दिन प्रतई त्रिकाल देव न वंदाइ तु बीजइ दिवस एक नउकरवाली ऊभां गुणवी - ए बोल बारमउ । १२ । दिन प्रतिइं त्रिणि सहस्र सज्झाय गुणवो, पणि उपवासनइ दिवस, अनइ पारणानइ दिवस, अनइ विहार करिवउ होइ तिवारइ, अनइ योगादिकनइ कामई, अनई लिखवउं होइ तिवारइ, अनइ भणवलं होइ तिवारई, अनइ वेयावच्च विशेष थकी करवउ होइ तिवारई, अनइ लेप वाटवानइ काजई, अनइ आलोयणनी सज्झाय करवी होइ तिवारइं, अनइ शरीरनइ कारण, अनइ लोच करवा होइ तिवारई, एतलइ कारणई सज्झायनी जइणा; अनइ दिन प्रतई मोटका कारण विना सझाय-सहस्र न मूंकिवउं । जउ तीणइ दिवस न थाइ तउ बीजइ दिवस गुणी पुहचाडिवउं । एक नउकरवाली श्रीसेत्तुंजा नामनी, एक नउकरवाली श्रीसीमंधरसामिना नामनी, एक नोकरवाली श्रीगौतमसामिना नामनी, एक नोकरवाली श्रीआणंदविमलसूरिना नामनी, एक नोकरवाली श्रीविजयदानसूरिना नामनी, एक नोकरवाली श्रीहरिविजयसूरिना नामनी, एक नउकरवाली श्रीविजयसेनना नामनी, एक नउकरवाली श्रीविमलहर्ष उपाध्यायना नामनी, एक नउकरवाली पंडित श्रीवांदरऋषिना नामनी, एक नोकरवाली समस्त साधना नामनी - एतली १० नउकरवाली दिन प्रतिइं गणवी । कारण विना - ए बोल तेरमो । १३ सझ्यातरना घरनुं धृत, अनइ उधायं, अनइ गकार, अनइ चउथो आहार ए समस्तनो पचखाण - ए बोल चउदमो । १४ खेत्रातीत, कालातीत, मार्गातीत, ए आहारपाणी लेवा पचखाण । कारण विना । अनइ आहारपाणी जे नदी माहि लेई ऊतरइ छइ ते आहारपाणी लेवा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520506
Book TitleAnusandhan 1996 00 SrNo 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages122
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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