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अनुक्रमणिका
वाचक यशोविजयरचित
मनि शीलचंद्रविजय १ समुद्र-वहाण-संवाद श्रद्धा, प्रसाद अने अध्यात्मप्रसाद नगीन जी. शाह केटलाक मध्यकालीन
जयंत कोठारी गुजराती शब्दप्रयोगो जैन प्राकृत-संस्कृत प्रयोगोनी पगदंडीए हरिवल्लभ भायाणी २५ 'सिद्धहेम-शब्दानुशासन प्राकृत अध्यायनां हरिवल्लभ भायाणी २५
उदाहरणोना मूळ स्रोत 'व्याश्रय काव्यना एक पद्यानी मुनि शीलचंदविजय ५०
__ वृत्ति परत्वे 'गांगेयभंग प्रकरण-सस्तबक ना
मुनि शीलचंद्रविजय ५२ कर्ता विशे 'यतिदिनचर्या ' : वृत्तिनी गवेषणा मुनि प्रद्युम्रविजय वर्धमान सूरि-रचित
'धर्मरत्नकरणडक विशे मुनि मुनिचंद्रविजय 'धर्मसूरि-बारमासा
संपा. रमणीक शाह ६९ 'सुभद्रा-सती-चतुष्पदिका
संपा. कनुभाई शेठ ७८ संशोधन-वर्तमान
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