________________ प्रश्न-सार राग और द्वेष के दो पहियों से संसार निर्मित होता है। क्या मोक्ष के भी ऐसे ही दो पहिये होते हैं? गुरु मृत्यु है या ब्रह्म है, या एक साथ दोनों है? सूली ऊपर सेज पिया की, किस विध मिलना होय? आपका स्मरण मुझे प्रगाढ़ रसमयता और आनंद से भर देता है, मेरी चाल में आपकी धुन के घर बजते हैं, तो अब मैं ध्यान को कहां रखें? वहां तक आया हूं, जहां लगता है कि अब कुछ हो सकता है। प्रभु, प्रणाम! मन एकदम शांत होगा तो सांसारिक कार्य कैसे होंगे? .: Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org