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________________ प्रेम है द्वारा मैं सोचता रहा। जेब से उसने अपनी किताब निकाल कर किसी परुष को तम अपने पास लेते हो. तो पास लेने बतायी। विवाह के पक्ष में और विपक्ष में जितनी भी बातें हो है। दो दुनियाएं पास आ रही हैं। संघर्ष होगा। लेकिन संघर्ष सकती थीं, सब उसने लिख रखी थीं। हिसाब लगाया था, पक्ष प्रीतिकर है। समझ बढ़ेगी। प्रौढ़ता आयेगी। में कितनी हैं, विपक्ष में कितनी हैं; फायदा क्या होगा, हानि क्या पूछा है, 'सोचती हूं दुख से छूटने के लिए किसी का सहारा होगी? और तब उसने यही तय किया था कि फायदा थोड़ा पकडूं, किसी के प्रेम के साये में बैलूं।' ज्यादा है। बहुत रत्तीभर का फर्क है। कोई ज्यादा फर्क नहीं है। मैं यह तो नहीं कह सकता कि दुख से छूट जाओगी प्रेम का हानि भी बहुत है, लेकिन फायदा थोड़ा ज्यादा है। और फायदा साया मिल जाए तो, इतना कह सकता हूं-दुख आंख खोलने में यह है कि उससे अनुभव होगा। | सहयोगी होगा। प्रेम भी दुख देगा, लेकिन प्रेम का दुख बड़ी सोचते-सोचते तो जिंदगी बीत जाएगी। सोचना किसलिए मधुर पीड़ा जैसा है। बिना प्रेम के जो दुख है, वह तो बस कांटे ही है? मौत तुमसे न पूछेगी कि सोच लिया, चलना है कि नहीं? कांटे हैं। प्रेम के दुख में कांटे तो हैं, लेकिन फूल भी हैं। और प्रेम | मौत आ जाएगी। जैसे मौत आती है वैसे ही प्रेम को भी आने तुम्हें तृप्त कर देगा, यह भी मैं नहीं कहता। प्रेम सच तो तुम्हें और | दो। द्वार-दरवाजे खोलो, भय क्या है? भी अतृप्त करेगा, और बड़े प्रेमी की तलाश पर भेजेगा। क्योंकि प्रेम से लोग बहुत डरते हैं। लोग कहते तो हैं कि प्रेम चाहिए कोई आदमी, या कोई स्त्री प्रेम को पूरा नहीं कर सकते। प्रेम की लेकिन डरते बहुत हैं। क्योंकि प्रेम एक तरह की मृत्यु है। आखिरी तलाश तो परमात्मा के लिए है। उससे कम पर तृप्ति अहंकार को विसर्जित करना होता है। होनेवाली नहीं है। लेकिन, सहारा मिलेगा। उस बड़ी यात्रा पर जैसा मैं देख पाता हूं, इस महिला के मन में बड़ा अहंकार जाने की हिम्मत आयेगी। जब आदमी के प्रेम में ऐसे फूल खिल होगा। अहंकार प्रेम का दुश्मन है। अहंकार किसी के साथ जाते हैं-छोटे सही, जल्दी कुम्हला जानेवाले सही; सुबह झकने नहीं देता। प्रेम में तो झकना पडेगा। प्रेम में तो दसरे के खिलते हैं. सांझ मा जाते हैं. सही-लेकिन जब आदमी के लिए जगह बनानी पड़ेगी। अहंकार को थोड़ी-सी जगह खाली | प्रेम में इतने फूल खिल जाते हैं, तो आदमी और परमात्मा के प्रेम करनी पड़ेगी। जैसे तुम अकेले एक कमरे में रहते आये थे, तो में कैसे फूल न खिलेंगे! कसी प्रेमी को लिवा लाये. मित्र को लिवा तम्हें पहली भनक परमात्मा की प्रेम के द्वार से ही मिलेगी। तो लाये. पत्नी को लिवा लाये. पति को लिवा लाये उसी कमरे में, मैं यह तो नहीं कहता कि तुम्हारा दुख मिट जाएगा, इतना कह तो अब सब नया इंतजाम करना होगा। अब बहुत-से समझौते सकता हूं कि तुम्हारा दुख सृजनात्मक हो जाएगा। सुख की थोड़ी करने होंगे। दो जहां रहेंगे वहां बहुत-से समझौते होंगे। संघर्ष झलकें मिलेंगी। उन्हीं झलकों का सहारा पकड़कर, निचोड़ भी होगा। कभी अशांति के क्षण भी होंगे। कभी कलह भी | निकालकर तुम महासुख की यात्रा पर जा सकोगे।। होगी। कभी सौंदर्य के, सत्य के, संगीत के फूल भी खिलेंगे। फिर कहा है, 'लेकिन उसके न मिलने पर भी संतोष ही होता कभी कांटे भी चुभेंगे। हर गुलाब की झाड़ी पर कांटे हैं। प्रेम तो है।' यह खतरनाक संतोष है। यह संतोष नहीं है, सांत्वना है। गुलाब का फूल है। बहुत कांटे हैं उसके आसपास। कांटों से संतोष बड़ा बहुमूल्य शब्द है। उसका ऐसा उपयोग कभी मत आदमी डरते हैं। फूल तो चाहते हैं, कांटों से डरते हैं। करना। यह सांत्वना है। यह अपने को समझा लेना है। और लेकिन जिसको फूल चाहिए, उसे कांटों को भी स्वीकार करना आदमी बड़ा कुशल है अपने को समझा लेने में। अंगूर खट्टे हैं। होगा। कांटों में ही फल का मजा है। कांटों में ही फल का रस जो नहीं मिलता, वह पाने योग्य ही नहीं। जिसको हम नहीं खोज है। नहीं तो प्लास्टिक के फूल खरीद लाओ। इसीलिए तो पाते, हमारा अहंकार कहने लगता है हम खोजना ही कहां चाहते वेश्याएं दुनिया में पैदा हुईं। वे प्रेम के डर के कारण पैदा हुईं। हैं! गरीब कहने लगता है धन में क्या रखा है। गरीब कहने वेश्या का मतलब है, प्लास्टिक का फूल। कोई नाता-रिश्ता लगता है, धन में क्या रखा है! अमीर कहे तो समझ में आता है। नहीं। कोई काटे चुभने का कारण नहीं। जब किसी स्त्री को या गरीब कहे तो कुछ समझ में आता नहीं। गरीब कहने लगता है, 153 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrar org
SR No.340139
Book TitleJinsutra Lecture 39 Prem hai Dwar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Jinsutra_MP3_and_PDF_Files
File Size36 MB
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