SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Ha.. ध्यान का दीप जला लो। नासमझी। लेकिन मैंने यह अनुभव किया है कि मारने में कुछ | कहते हैं, लाओत्सू अपने एक मित्र के साथ एक पहाड़ से गुजर सार नहीं. इसलिए मैं नहीं मारता है। यह दस्साहस है। अपने रहा था। सबह हई, सरज ऊगा, पक्षियों के गीत गूंजने को असुरक्षा में छोड़ देने से बड़ा और कोई दुस्साहस नहीं। लगे-बड़ी सुहावनी सुबह थी, बड़ी प्यारी सुबह थी। मित्र ने 'हाथी-सा स्वाभिमानी...।' हाथी में एक स्वाभिमान है। | कहा, बड़ी सुंदर सुबह है। लाओत्सू ने कहा, इनकार कौन कर इसीलिए तो हाथी सम्राटों के लिए प्रतीक बन गया। हाथी की रहा है? मित्र ने कहा, बड़ी सुहावनी सुबह है। लाओत्सू ने बड़े सवारी श्रेष्ठतम सवारी बन गयी। लेकिन एक खयाल रखना, चौंककर देखा और कहा, इनकार कौन कर रहा है? कहने की हाथी में स्वाभिमान है, अहंकार नहीं। अपने बल पर भरोसा है, जरूरत कहां है ? लेकिन अपने बल की कोई घोषणा नहीं। वहीं हाथी सिंह से भिन्न | जो है, है। उसकी घोषणा की जरूरत नहीं। जो नहीं है, उसकी है। सिंह में अहंकार है। | घोषणा करनी पड़ती है। शायद मित्र को संदेह रहा होगा! है या बड़ी पुरानी प्रसिद्ध कथा है ईसप की कि एक सिंह जंगल में नहीं? उसी संदेह में पूछा है। शायद लाओत्सू भी हां भर दे, तो सियार ने कहा, आप हैं महानुभाव! आपके अतिरिक्त और कौन बुद्धिमान हूं? मैं त्यागी हूं? दूसरों से पूछते हो! तुम्हें खुद ही राजा है? आप महाराजा हैं, सम्राट हैं। लोमड़ी से पूछा। भरोसा नहीं। और हम दूसरों को समझाते हैं कि मैं त्यागी हूं। खरगोश से पूछा। चीते से पूछा। सबने कहा, आप ही सम्राट जब दूसरे को भरोसा आ जाता है, तो हमें भरोसा आता है। हैं; कैसी बात पूछते हैं? मुल्ला नसरुद्दीन एक मकान बेचना चाहता था। एक एजेंट को फिर हाथी के पास आया। हाथी से पूछा कि इस जंगल का बुलाया। नदी के किनारे एकांत में बना उसका मकान है। सम्राट कौन है? हाथी ने अपनी सूंड में सिंह को फंसाया और कभी-कभी गर्मी के दिनों में वहां रुकता था। कहा, इसे बेच देना कोई पचास फीट दूर फेंक दिया। सिंह नीचे गिरा, झाड़-झूड़कर है। एजेंट ने विज्ञापन दिया पत्रों में। दूसरे दिन सुबह जब मुल्ला धल फिर वापिस आया और कहा कि अगर तुम्हें उत्तर मालूम | ने विज्ञापन पढ़ा, तो बड़ा चकित हो गया। सुंदर नदी का वर्णन नहीं, तो नाराज होने की क्या बात है! था। उस दृश्य का जो मकान को घेरे हुए है। मकान की ऐसी लेकिन हाथी की कोई घोषणा नहीं है। सिंह की घोषणा है। महिमा का बखान था कि उसने कहा अरे, इसी मकान की तो मैं हाथी चपचाप है। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जो लोग अपने जीवनभर से तलाश कर रहा है। उसने फोन किया एजेंट को कि अहंकार की घोषणा करते हैं, उनमें हीनभाव होता है। बेचना नहीं है। भूलकर नहीं बेचना है-एजेंट ने पूछा, इतनी 'इनफिरिआरिटी कांप्लेक्स' होती है। इसीलिए घोषणा करते जल्दी आप बदल गये? कल...कल ही तो आपने बेचने के हैं। जो व्यक्ति वस्तुतः अपने से तृप्त है, वह अपने अहंकार की लिए कहा था। बदलाहट का कारण क्या है? मुल्ला ने कहा, घोषणा नहीं करता, घोषणा का प्रयोजन क्या है ? किसके सामने तुमने जो विज्ञापन दिया है, उसने मुझे भरोसा दिला दिया। इसी सिद्ध करना है? सिद्ध तो तभी करना होता है जब भीतर लगता | मकान की तो मैं जिंदगीभर से खोज कर रहा हूं। मुझे अब तक है कि हूं नहीं। तो प्रमाण जुटाने पड़ते हैं। सिद्ध करना पड़ता है। पता ही न था। जब तुम्हें भीतर पता ही है तो तुम घोषणा नहीं करते। जिसका जब तक हम दूसरे से भरोसा न पा लें, तब तक हमें भरोसा तुम्हें पता है, अनुभव है, उसकी तुम घोषणा नहीं करते। नहीं आता। और ऐसा भरोसा दो कौड़ी का है, जो दूसरे के कोई पुरुष अगर बीच बाजार में खड़ा होकर चिल्लाने लगे कि कारण मिलता है, हाथी को देखा? सिंह को देखा? सिंह में एक मैं पुरुष हूं और प्रमाण दे सकता हूं, तो लोगों को संदेह हो अकड़ है। प्रगट अकड़ है। चलता है तो, उठता है तो, बैठता है जाएगा। इसके पुरुष होने में शंका है। पुरुष हो तो हो। घोषणा तो, घोषणा है। हाथी में कोई घोषणा नहीं है। इसीलिए तो कहते की कोई जरूरत नहीं है। किसे कहने जाना है? किसको हैं, हाथी चलता जाता है, कुत्ते भौंकते रहते हैं। वह इनकार भी समझाना है! कौन पूछ रहा है! नहीं करता, कि तुम क्यों भौंक रहे हो? वह नाराज भी नहीं 127 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340138
Book TitleJinsutra Lecture 38 Dhyan ka Dip Jalalo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Jinsutra_MP3_and_PDF_Files
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy