________________ सूत्र सोच्चा जाणइ कल्लाणं, सोच्चा जाणइ पावगं। उभयं पि जाणए सोच्चा, जं छेयं तं समायरे।।८१।। णाणाऽऽणत्तीए पुणो, दंसणतवनियमसंयमे ठिच्चा। विहरइ विसुज्झमाणी, जावज्जीवं पि निवकंपो।।८२।। जह जह सुयभोगाहइ, अइसयरसपसरसंजुयमपुव्वं। तह तह पल्हाइ मुणी, नवनवसेवेगसद्धाओ।।८३।। सूई जहा ससुत्ता, न नस्सइ कयवरम्मि पडिआ वि। जीवो वि तह ससुत्तो, न नस्सइ गओ वि संसारे।।८४ / / ___Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org