________________ प्रश्न-सार न मालूम खोपड़ी में कहां से कहां चला गया! शक्ति और प्रभुता की खोज में था, यहां शांति और शून्यता सीखने को मिली। अब न आगे जा सकता हूं और न पीछे। मन विक्षिप्त हुआ जाता है। कृपया मार्गदर्शन दें। दर्शन के तत्क्षण बाद घटी घटना को ही क्या भजन कहते हैं? जो दिन आपके साथ प्रेमपूर्वक बिताए उनको मैं कैसे भूलूं? अतीत को भूलना मेरे बस की बात नहीं। आप वीतराग हैं। अब इन आंसुओं के सिवा मेरे पास कुछ भी नहीं है। मन बार-बार कहता है, आप कब आएंगे? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org