________________ BLOUDHARE An0A C.5 . 5 5 RESTHA BHERI NAL सूत्र जं इच्छसि अप्पणतो, जं च न इच्छसि अप्पणतो। तं इच्छ परस्स वि या, एत्तियगं जिणसासणं।।१।। अधुवे असासयम्मि, संसारम्मि दुक्खपउराए। किं नाम होज्ज तं कम्मयं, जेणाऽहं दुग्गइ न गच्छेजा।।२।। खणामित्तसुक्खा बहुकालदुक्खा, पगामदुक्खा अणिगामसुक्खा। संसारमोक्खस्स विपक्खभूया, खाणी अणत्थाण उ कामभोगा।।३।। सुट्ठवि मग्गिज्जतो, कत्थवि केलीइ नत्थि जह सारो। इंदिअविसएसु तहा, नत्थि सुहं सुट्ठ वि गविट्ठ।।४।। जह कच्छुल्लो कच्छं, कंडयमाणो दुहं मुणइ सुक्खं। मोहाउरा मणुस्सा, तह कामदुहं सुहं विंति।।५।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org