________________ लोकतत्व-सूत्र : 5 किण्हा नीला य काऊ य, तेऊ पम्हा तहेव य। सुक्कलेसा य छट्ठा य, नामाइं तु जहक्कम।। किण्हा नीला काऊ, तिण्णि वि एयाओ अहम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो, दुग्गइं उववज्जई।। तेऊ पम्हा सुक्का, तिन्नि वि एयाओ धम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो, सुग्गइं उववज्जई।। कृष्ण, नील, कापोत, तेज, पदम और शुक्ल-ये लेश्याओं के क्रमशः छह नाम हैं। कृष्ण, नील, कापोत-ये तीन अधर्म-लेश्याएं हैं। इन तीनों से युक्त जीव दुर्गति में उत्पन्न होता है। तेज, पदम और शुक्ल-ये तीन धर्म-लेश्याएं हैं। इन तीनों से युक्त जीव सदगति में उत्पन्न होता है। 272 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org