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________________ पांच ज्ञान और आठ कर्म प्रेमी बाहर खड़ा उसकी प्रतीक्षा कर रहा है-उससे भागी जाने को, मिलने को है। इस मरीज को तो वह निबटा रही है सोये-सोये / उसका मन तो प्रेमी के पास चला गया है। ___ हरकोस को लोग... कोई उसके पास आये तो उसके भीतर की बात अनुभव में आने लगी। किसी की चीज, किसी का रूमाल उसे दे दें, तो वह रूमाल का खयाल करके उस आदमी का वर्णन करने लगा है। दस साल तक तो वह परेशान रहा इससे / क्योंकि बड़ी परेशानी की बात है। हर आदमी रास्ते पर निकले और आपको उसके भीतर का थोड़ा-सा खयाल आ जाये, कि आप अपनी पत्नी को प्रेम कर रहे हों और आपको खयाल आ जाये कि वह अपने किसी प्रेमी का विचार कर रही है...? अकसर करते हैं। अकसर पति किसी और का सोचते रहते हैं, लेकिन पकड़ में नहीं आता। क्योंकि सूक्ष्म-इंद्रियां हमारी जड़ हैं। हमारी स्थूल इंद्रियां जड़ हैं, तो सूक्ष्म तो जड़ होंगी ही। ___ जब स्थूल इंद्रियां संवेदनशील हो जाती हैं तो उनके पीछे छिपी हुई सूक्ष्म इंद्रियां गतिमान होती हैं। उन सूक्ष्म इंद्रियां का जो अनुभव है, उसको महावीर अवधि-ज्ञान कहते हैं। टेलिपैथी, क्लेरव्हायंस सब अवधि-ज्ञान हैं। पश्चिम में साइकिक साइंस अवधि-ज्ञान पर काम कर ही रही है बड़े जोर से, और हजारों आयाम खुल गये हैं। अनेक तरह के प्रामाणिक प्रयोग हो गये हैं, जिनसे पता चलता है कि आदमी के पास कुछ सूक्ष्म इंद्रियां भी हैं, जिनसे वह बिना देखे देख लेता है, बिना सुने सुन लेता है / आपको भी कभी-कभी इसकी झलक मिलती है, लेकिन आप उसको टाल देते हैं, आप उसका हिसाब नहीं रखते। कभी आप बैठे हैं घर में अचानक आपको खयाल अपने मित्र का आता है, और आप देखते हैं कि वह मित्र भीतर चला आ रहा है। खयाल पहले आ जाता है, मित्र दरवाजे से बाद में भीतर आता है। आप सोचते हैं, संयोग की बात है। संयोग की बात नहीं है। इस जगत में संयोग जैसी बात होती ही नहीं। इस जगत में सब वैज्ञानिक है, सब कार्य-कारण से बंधा है। उस मित्र का दरवाजे पर आना आपकी सूक्ष्म इंद्रिय ने पहले पकड़ लिया, आपकी स्थूल इंद्रिय बाद में पकड़ी। __ कभी आपका कोई प्रियजन मर रहा हो, बहुत दूर हो-हजारों मील दूर-तो भी आपके भीतर कुछ पीड़ा शुरू हो जाती है। आप पकड़ नहीं पाते, क्योंकि आपको साफ नहीं है। अगर साफ हो जाये, और आप उस दिशा में काम करने लगें, तो आपकी पकड़ में आना शुरू हो जायेगा। इसको अनुभव किया गया है कि जुड़वां बच्चे एक साथ बीमार पड़े हैं, चाहे हजारों मील दूर हों / एक ही अंडे से पैदा हुए जुड़वां बच्चे एक साथ बीमार पड़े हैं। यहां एक बच्चे को सर्दी हो, और दूसरा बच्चा पेकिंग में हो, तो उसको वहां सर्दी हो जायेगी। बड़ी हैरानी की बात है, क्योंकि मौसम अलग है, देश अलग है, हवा अलग है। अगर इसको इन्फेक्शन हुआ है, तो उसी दिन उसको इन्फेक्शन होने का कोई कारण नहीं है। यहां फ्लू चल रहा है, वहां फ्लू नहीं चल रहा है, लेकिन दोनों को एक साथ सर्दी पकड़ जायेगी! वैज्ञानिक बड़े चिन्तित थे कि यह कैसे होता है? लेकिन अब साइकिक खोज कहती है कि दोनों बच्चे इतने एक साथ पैदा हए हैं, इतने एक-जैसे हैं; कि उनकी सूक्ष्म-इंद्रियां इतनी संयुक्त हैं कि एक में जरा-सा स्पंदन हो तो दूसरे को खबर मिल जाती है। एक बच्चे को सर्दी पकड़े तो दूसरे की सूक्ष्म इंद्रियां अनुभव करने लगती हैं कि सर्दी हो गई। उस कारण दूसरे को भी सर्दी हो जाती है। वह मानसिक सर्दी है, लेकिन हो जायेगी। ___एक अंडे से पैदा हुए बच्चे करीब-करीब साथ-साथ मरते हैं। ज्यादा से ज्यादा फर्क तीन महीने का होता है। क्योंकि मृत्यु जब एक की घट जाती है, तो दूसरे की सूक्ष्म इंद्रियों पर चोट पहुंच जाती है, वह मरने के करीब हो जाता है। आप कभी छोटे-छोटे प्रयोग करें, तो आपको अपनी सूक्ष्म इंद्रियों का खयाल आ सके। 253 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340040
Book TitleMahavir Vani Lecture 40 Panch Gyan aur Aath Karm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Mahavir_Vani_MP3_and_PDF_Files
File Size102 MB
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