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________________ महावीर-वाणी भाग : 1 हुआ। लेकिन स्टेलिन इतने से राजी न हआ। कोई जालसाजी हो सकती है। कोई क्लर्क और उसके बीच तालमेल हो सकता है। तो क्रेमलिन के एक कमरे में उसे बंद किया गया। हजारों सैनिकों का पहरा लगाया गया और कहा कि ठीक बारह बजकर पांच मिनिट पर वह सैनिकों के पहरे के बाहर हो जाए। वह ठीक बारह बजकर पांच मिनिट पर बाहर हो गया। सैनिक अपनी जगह खड़े रहे, वह किसी को दिखाई नहीं पड़ा। वह स्टेलिन के सामने जाकर मौजूद हो गया। ___ इस पर भी स्टेलिन को भरोसा नहीं आया। और भरोसा आने जैसा नहीं था, क्योंकि स्टेलिन की पूरी फिलासफी, पूरा चिंतन, पूरे कम्युनिज़म की धारणा, सब बिखरती है। यही एक आदमी कोई धोखा-धड़ी कर दे और सारा का सारा मार्क्स चिंतन का आधार गिर जाए। लेकिन स्टेलिन प्रभावित जरूर इतना हुआ कि उसने तीसरे प्रयोग के लिए और प्रार्थना की। सर्वाधिक कठिन बात हो सकती थी, वह यह थी-उसने कहा कि कल रात बारह बजे मेरे कमरे में तुम मौजूद हो जाओ, बिना किसी अनुमति पत्र के। यह सर्वाधिक कठिन बात थी। क्योंकि स्टेलिन जितने गहन पहरे में रहता था उतना पृथ्वी पर दूसरा कोई आदमी कभी नहीं रहा। पता भी नहीं होता था कि स्टेलिन किस कमरे में है क्रेमलिन के। रोज कमरा बदल दिया जाता था ताकि कोई खतरा न हो, कोई बम न फेंका जा सके, कोई हमला न किया जा सके। सिपाहियों की पहली कतार जानती थी कि पांच नंबर कमरे में है, दूसरी कतार जानती थी कि छह नंबर कमरे में है, तीसरी कतार जानती थी कि आठ नंबर कमरे में है। अपने ही सिपाहियों से भी बचने की जरूरत थी स्टेलिन को। कोई पता नहीं होता था कि स्टेलिन किस कमरे में है। स्टेलिन की खुद पत्नी भी स्टेलिन के कमरे का पता नहीं रख सकती थी। क्रेमलिन के सारे कमरे, जिनमें स्टेलिन अलग-अलग होता था, करीब-करीब एक जैसे थे, जिनमें वह कहीं भी किसी भी क्षण हट सकता था। सारा इंतजाम हर कमरे में था। ठीक रात बारह बजे पहरेदार पहरा देते रहे और मैसिंग जाकर स्टेलिन की मेज के सामने जाकर खड़ा हो गया, स्टेलिन भी कंप गया। और स्टेलिन ने कहा- तुमने यह किया कैसे? यह असंभव है! मैसिंग ने कहा - मैं नहीं जानता। मैंने कुछ ज्यादा नहीं किया मैंने सिर्फ एक ही काम किया कि मैं दरवाजे पर आया और मैंने कहा कि आई एम बैरिया। बैरिया रूसी पुलिस का सबसे बड़ा आदमी था, स्टेलिन के बाद नंबर दो की ताकत का आदमी था। बस मैंने सिर्फ इतना ही भाव किया कि मैं बैरिया हूं, और तुम्हारे सैनिक मुझे सलाम बजाने लगे और मैं भीतर आ गया। स्टेलिन ने सिर्फ मैसिंग को आज्ञा दी कि वह रूस में घूम सकता है, और प्रामाणिक है। 1940 के बाद रूस में इस तरह के लोगों की हत्या नहीं की जा सकी तो वह सिर्फ मैसिंग के कारण। 1940 तक रूस में कई लोग मार डाले गये थे जिन्होंने इस तरह के दावे किये थे। कार्ल आटोविस नाम के एक आदमी की 1937 में रूस में हत्या की गई, स्टेलिन की आज्ञा से। क्योंकि वह भी जो करता था वह ऐसा था कि उससे कम्युनिज़म की जो मैटिरियलिस्ट- भौतिकवादी धारणा है, वह बिखर जाती है। अगर धारणा इतनी महत्वपूर्ण हो सकती है तो स्टेलिन ने आज्ञा दी अपने वैज्ञानिकों को कि मैसिंग की बात को पूरा समझने की कोशिश करो, क्योंकि इसका युद्ध में भी उपयोग हो सकता है। और जो आदमी मैसिंग का अध्ययन करता रहा, उस आदमी ने, नामोव ने कहा है कि जो अल्टीमेट वैपन है युद्ध का, आखिरी जो अस्त्र सिद्ध होगा, वह यह मैसिंग के अध्ययन से निकलेगा। क्योंकि जिस राष्ट्र के हाथ में धारणा को प्रभावित करने के मौलिक सूत्र आ जाएंगे, उस राष्ट्र को अणु की शक्ति से हराया नहीं जा सकता। सच तो यह है कि जिनके हाथ में अणुबम हों उनको भी धारणा से प्रभावित किया जा सकता है कि वह अपने ऊपर ही फेंक दें। एक हवाई जहाज बम फेंकने जा रहा हो उसके पायलट को प्रभावित किया जा सकता है कि वापस लौट जाए, अपनी ही राजधानी पर गिरा दे। 22 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340002
Book TitleMahavir Vani Lecture 02 Mangal va Lokottam ki Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Mahavir_Vani_MP3_and_PDF_Files
File Size92 MB
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