________________ मंगल-भाव-सूत्र अरिहंता मंगलं / सिद्धा मंगलं। साहू मंगलं। केवलिपन्नत्तो धम्मो मंगलं / / अरिहंता लोगुत्तमा। - सिद्धा लोगुत्तमा। साहू लोगुत्तमा। केवलिपन्नत्तो धम्मो लोगुत्तमो।। अरिहंत मंगल हैं। सिद्ध मंगल हैं। साधु मंगल हैं। केवलीप्ररूपित अर्थात आत्मज्ञकथित धर्म मंगल है। अरिहंत लोकोत्तम हैं। सिद्ध लोकोत्तम हैं। साधु लोकोत्तम हैं। केवलीप्ररूपित अर्थात आत्मज्ञकथित धर्म लोकोत्तम है। 18 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org