________________ अपभ्रंश भारती-8 जिनप्रभ सूरि अनाथ संधि अनन्त व्रत कथानक अन्जनासुन्दरी कथा अन्तरंग रास अन्तरंग विवाह अन्तरंग संधि जिनप्रभ सूरि जिनप्रभ सूरि रत्नप्रभ सूरि (संवत् 1362 वि.) वीर - सिंहसेन (रइधू) आराधना-सार आदिपुराण (मेघेश्वर चरित) आदिनाथ फाग आत्म-संबोधन - पुष्पदंत - जिनप्रभ सूरि उपदेशक कुलक - देवसूरि ऋषभजिन-स्तुति रइधू - कनकामर मुनि - श्री चन्द्र (संवत् 941-946) -- जिनदत्त सूरि ब्राउन द्वारा सम्पादित करकंडचरिउ करकंडचरिउ कथाकोष (कथाकोश) कलास्वरूप कुलक कालिकाचार्य कथा (अत्थि इहेव जम्बू) (अंशत: अपभ्रंश) कुवलयमाला-कहा (अंशतः अपभ्रंश) कुमारपाल-प्रतिबोध (अंशतः अपभ्रंश) __ - उद्योतन सूरि (सं. 835 वि.) - सोमप्रभ सूरि (संवत् 1241 वि.) चन्द्रप्रभचरिउ चन्द्रप्रभचरिउ चैत्यपरिपाटी चर्चरी चर्चरी चर्चरी यश:कीर्ति दामोदर जिनप्रभ सूरि - जिनदत्त सूरि सोलण जिनप्रभ सूरि