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श्रीसिद्धाचल तीर्थ-चैत्यपरिपाटी
कर्ता : शा. मालजी नागजी कच्छी
श्री गणेसाऐ नमः ॥ १. श्री जंबुधीपमधे दखणात भरतखेत्रे श्री सोरठदेसमधे सीधखेत्रे
श्रीपालीताणानगरे देरो १ श्रीदीववंदरवाला श्रीमाली ज्ञातीय वृद्धसाखायां दोसी भीमजी तस्य पुत्र दोसी रूपचंदे संवत १८१७ वरषे माहा सुद २ गुरुवारेनी प्रतीष्ठा करी छे. तेना मधे मूलनाऐकजो श्री आदीनाथजी आदे देईने प्रतमा ८६६ ने मारो नमसकार छ, त । धातनी प्रतमा २२ ने मारो नमसकार छे, तथा धातुना चोवीसवटा ८५ मधे प्रतमा ९६ ने मारो नमसका०, तथा आरस-रतनना सीधचक्र २ मधे प्रतमा २ ने मारो नम०, तथा रूपाना सीधचक्र ३ ने मारो० तथा रंगमंडपमधे घंट वाजे छे तेनी पासे दखणादी कोरे आलीयामधे सरसतीजीना माथा उपर प्रतमा १ ने मारो०, तथा ऐ ज देरानी दखणादी कोरे पाणीनो कुओ छे. तीहाथी चले हेमकुंअरबाईने बंगले गरदेरासर १, तेना मधे धातुना मूलनाऐकजी श्रीगोडीपारसनाथजी आदे देईने प्रतमा ४ ने मारो नमसकार छे. तथा ओंकारमा प्रतमा ५ने तथा ह्रींकारमा प्र० २४ ने मारो न० तीहाथी चले श्री सीधाचलजी जाता सेव॒जाना दरवाजामांथी बारे नीकलता सनमुख श्री सेजाना दरसन थाऐ छे. तथा ऐ ज दरवाजानी डाबी बाजु उगमणी कोरे तलाव १ ललीतासर तलाव छे, ऐ ज तलाव मधे चोतरा उपर देरी १, तेना मधे श्रीआदीनाथजीना पगलानी जोड १ ने मारो
न०.
४. तथा ऐ ज दरवाजानी जमणी बाजु आथमणी कोरे श्रीसंघनो वरंडो १
तेनो बारणो देखाऐ छे. तथा ऐ ज वरंडा मधे सामीवछल-जमण तथा नोकारसी जमण तथा झांपे चोखा-जमण घणा घणा थई रया छे. तीहाथी चले श्रीसीधाचलजी सनमुख जाता रसतानी आथमणी कोरे
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