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मई २०११
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जोन्सओ ई.स. १७८४मां ओशियाटिक सोसायटीनी कलकत्तामा स्थापना करीने भारतीय विद्याना अभ्यास अने हस्तप्रतोना संग्रह माटे ओक नवी दिशा ज खोली आपी. अने तेमणे ज 'शाकुन्तल'नो १७८९मां अंग्रेजी अनुवाद आपीने संस्कृत साहित्यना अभ्यासनो पायो नाख्यो. आ ज कोर्टना न्यायाधिश सर रोबर्ट चेम्बर्स के जे 'a distinguished scholar of great and versatile culture' तरीके ख्यातिप्राप्त हता तेमना द्वारा ८०० जेटली हस्तप्रतो अकठी करवामां आवी हती, जेनुं सूचिपत्र P. Rosan द्वारा तैयार थयु. आ हस्तप्रतो बादमां बर्लिन स्टेट लाईब्रेरी द्वारा खरीदवामां आवी हती. ८००० जेटली हस्तप्रतो, नकशा, अभिलेखो वगेरेनो सौथी मोटो संग्रह मद्रास प्रेसेडेन्सीना सर्वेयर जनरल Colin Mackenzie (१७९६-१८०६) द्वारा करवामां आव्यो हतो, आ पैकीनी मोटा भागनी हस्तप्रतो वगेरे इन्डिया ओफिस लाईब्रेरी अन्ड रेकर्डस, लंडन अने थोडीक मद्रास युनिवर्सिटीमां संगृहीत छे. सर विलियम जोन्स द्वारा पण ५९ हस्तप्रतोनो संग्रह करवामां आव्यो हतो. जेम्स फ्रेशर द्वारा १७३०-४० दरम्यान गुजरातना प्रवास दरम्यान १६५ अरेबिक, पशियन, संस्कृत वगेरेनी हस्तप्रतो खरीदवामां आवी हती, जेनी सरळ यादी तेमणे पोतानी कृति History of Nadir Shah (1742) मां प्रगट करी हती. सम्भवतः भारतमांथी युरोपमां लइ जवामां आवेलो आ प्रथम हस्तप्रत संग्रह हशे तेम मानवामां आवे छे.
समग्रतया आ समयगाळा दरम्यान ४६ सूचिपत्रो (५१ खण्डो) प्रगट थयां हतां. आ पैकी भारतमाथी ११ (१५ खण्डो) अने विदेशोमांथी ३५ (३६ खण्डो) सूचिपत्रो प्रगट थयां हतां. आ समयगाळानुं सौथी वधु नोंधपात्र अने शास्त्रीय सूचिपत्र बलिननी इम्पिरियल लाईब्रेरीनी १४०३ संस्कृत-प्राकृत हस्तप्रतोनुं सूचिपत्र A. Weber (१८५३) द्वारा सम्पादित करवामां आव्युं हतुं, जे हस्तप्रतोना भौतिक वर्णन उपरान्त, आदि-अन्त, टिप्पण, केटलीक कृतिओना विस्तृत उताराओ अने ९ सूचिओ सहित तैयार करवामां आवेलुं छे. केटलांक उत्तम सूचिपत्रो पैकी- आ ओक छे. आ ज प्रकारचें बीजुं ओक उत्तम सूचिपत्र Theodor Aufrecht (1859) द्वारा Bodleian Library (Oxford University)नुं तैयार करवामां आव्युं हतुं. भारतमांथी प्रगट थयेलां सूचिपत्रो पैकी सौथी प्रथम मेकेन्झी संग्रहनी १५६८ हस्तप्रतोतुं वर्गीकृत सूचिपत्र H.H. Wilsonओ तैयार