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________________ डिसेम्बर २००९ कडी क्र. ८९ ९६ ९८ १०२ १०८ १०९ ११५ १२६ १२६ १२७ १३१ १३३ १३४ १३५ १४० १४२ १४२ १४६ १५१ १५२ १५३ १५६ १५९ १६० १६५ शब्द सरया अंतेवर नालीद्वीप दर रेवणी कटीक विरीं ओहोलसो ऊत्म शक्र ठंडील ठार वाटली भीति शल सप्तलवी ग्रीवेय्य शा च अहीआपोह उशभ वोश मोहोत लोकांतिक व्यना नव्य लेह क्यरपीआं अर्थ सरज्यां अन्तःपुर नालिकेरद्वीप गुफा रेवडी कटक-सैन्य वैरी उल्लासो उत्तम शुक्र-वीर्य स्थंडिल (शुद्ध भूमि) रूप स्थान वर्तुलाकार-गोळ (?) भींत शल्य (सल्लं कामा, विसं कामा नो सन्दर्भ) 'लवसत्तम' नामनो देव - प्रकार ग्रैवेयक नामे देवलोक - प्रकार लेश्या चरबी ऊहापोह १३९ अशुभ विसर्जित थाव महत्त्व ९ लोकान्तिक, देवजाति विना नहि ले कृपण
SR No.229668
Book TitleMallinath no Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDiptipragnashreeji
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages31
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size142 KB
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