________________
गुज्जरि वोलइ चालु प्रिय, मज्झ देसण सुणहु सुहावणिय, वंदे विणु
(३)
महियलि विमलउ सयलु जलु, वय पहुतउ धमसूरि फेरउँ चित्तु जिम्ब, वय निम्मलु ठिउ चंदिणडउं करि चंगु
चंदा चंदा चंदडा, वय' ' मंडि-न महि तुहुँ हंसडा, वय" भमरुला कमलिहि रंगु ॥ १२
-
मणोरह पूरि । ससूरि ॥ १०
साव
जससुरि धवलह पम्हलहँ, वय कुवलय-दल- सरलाहँ । सलोणह तुम्ह तणहँ, वय बलि- किज्जउँ नयणाहँ ॥ १३ वलि वलि निम्मल रलिय - स्व, वय माणिकथारी" रति । प्रिय पाणि-न सांढडिय, वय वंदहु धमसुरि भत्ति ॥ १४
(४)
आसोय - मासु । आगासु ॥ ११
कातियडउ रलियावणउ, मासु पहुतउ लोए 1 पिल्लि न रहू प्रिया ! देखिवउ, गुरु धमसुरिं" [.......]॥ १५ हेलि ! ए गुरु धमसूरि
C
[..
.] [..
'
पाकउ कलम कियार कणु, उहु सूयडउ चुणेइ ॥ १६ पिल्लिन रहु ....
खिल्लि खाउलु रासडउ ", नाचिवि डोल्लिवि बाह | वादिय सवि हाराविया, धमसुरि विद्धिय राह ↓↓ १७ पिल्लि - न .......
दीहर - सिंह दीवालियहिं दीवडुला पजलंति F जससुरि-केरा विमल गुण, तिहुयणु धवलु करति ॥ १८
पिल्लि - न
Jain Education International
१४. वय चडावय चंदिण० १५. भमरुल्ला कमलहिं भरज | १६. राति १७. पेल्ले न १८. धामसूरी १९. रामडउ २० हाराविय
[७२]
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org