________________
१२२
अनुसन्धान-५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-१ जूनी निग्रोइट जातिनी अश्मीभूत मानव खोपडी मळी छे. पछीना तबक्कानी केटलीक विगतो वेद, पुराण अने जैन स्रोतना प्राकृत भाषाना ग्रन्थोने आधारे तारवी शकीओ छीओ. परन्तु अमां अनुमान, निगमननो आधार अनिवार्य होवाथी कोई चोक्कस वीगतने 'तथ्य'ना रूपमां तारवयूँ प्रमाणमां मुश्केल छे. परन्तु ऐतिहासिक युगमा प्रवेशी) छीओ, खास तो ओछामां ओछं गुजरातीनुं भाषा-बोली तरीके- मूळ बंधातुं आव्युं ओ नवमी सदीना उत्तरार्धथी तो गुजरातनी कला-संस्कृतिने जाणवानुं शक्य छे. आठथी दश सुधीनो गाळो ज ओवो छे के ते समयमां मूळ आर्य जातिनी ज होय ओवी तथा आर्येतर जातिओनी होय अवी अनेक टोळीओ गुजरातमां आवी, स्थायी वसवाट करवा लागी. नवी बोली 'गुजराती' अमांथी जन्मी. ओ साथे ज ते ते जातिओना स्थायी वसवाट साथे ज गुजरातीतानुं ओक विशिष्ट रूप, अनी संस्कृति बंधायां. आ गाळो ते गुजरातनी संस्कृतिना पारणानो ! ओ जाणवानुं ज प्राचीनतम श्रद्धेय लिखित दस्तावेजी प्रमाण ते हेमचन्द्राचार्यना सिद्धहेमशब्दानुशासन, काव्यानुशासन, छन्दोनुशासन, त्रिषष्टिशलाकापुरुष अने तेवा अन्य ग्रन्थो, टीकाओ वगेरे. गुजरात माटे आ महत्त्वना छे अनुं कारण ओ छे के हेमचन्द्राचार्य पासे जेम भारतीय आर्य परम्पराना साहित्यना ज्ञान-परिशीलननो पायो छे, ते साथे ज, आ कलिकालसर्वज्ञ साधु-आचार्य पासे गुजरातनी ज पोतीकी परम्परानी प्रत्यक्षरूपनी पूर्ण तटस्थ छतां लगावपूर्ण जाणकारी छे. त्रिषष्टिशलाकापुरुषोना चरितालेखनने दृष्टिमां राखतां ज स्पष्ट थशे के जे अन्यमां नथी ते गुजरातीता, अनी संस्कार-परम्परा हेमचन्द्राचार्यमां छे. अन्य बधा ज स्रोतो, अना ग्रन्थो, साहित्यरूपे, धर्मग्रन्थरूपे मूल्यवान छे अमां शङ्काने कारण नथी ज, परन्तु त्यां सामग्री केन्द्रमा छे ते तळ गुजरातनी नथी, अन्य क्षेत्रोनी छे, ज्यारे अहीं छे ते पूरी गुजराती परम्परा छे. लग्नने अना विधि-पेटाविधि बधे ज भारतभरमां समान छे ज, तेम छतां गुजराती-लग्नमां पस भरवो, पीठी चोळवी, वरघोडो काढवो, जाननुं प्रस्थान, लग्ननी चोरी वगेरे आजे छे तेनुं ज दस्तावेजीकरण हेमचन्द्राचार्य-निरूपित प्रसङ्गमां छे. विधि ज नहीं, आनन्दोत्सवनां नृत्य, गोरअणवरनी मजाकनां फटाणां, अवां गीतोनी सामग्री- Content - ओ बधुं ज अमां दस्तावेजी रूपमां छे. धबकतुं छे. आजनी परम्परानुं प्रवर्तन त्यां छे. गुजरातनी मूळ संस्कृतिनुं आ रूप ते दशमी-अगीआरमी-बारमी सदीनु. अ