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उर्दू शब्दोना अर्थ त्रणे कृतिओमां प्रयुक्त उर्दू शब्दोमांथी जेटला स्पष्ट समजाया तेटला शब्दोना अर्थ तथा वर्तमान उच्चार अहीं नोंध्या छ । प्रचलित अथवा शुद्ध उच्चार कौंसमां आप्या छ ।
मन - हुं, मारु कादर (कादिर) - सर्व शक्तिमान् फरजन (फर्जन्द) - पुत्र दर् - मां, अंदर तोसफ् (तौसिफ ?) गुणगान लोत्फ् (लुत्फ्) कृपा सबोरोज (शब-ओ-रोज)- रातदिवस मु(गो)- जो के, यद्यपि चस्म (चश्म)-चक्षु यायद् (जायज् ?) - उचित तल्ब (तलब) - इच्छा रायब-राहब (राहिब) - साधु गेति (गेती) - दुनिया गिरीयम (गिरियां) - रुदन रुई (रू -रूए) - मुख, आकृति इनायत - भेट, कृपादृष्टि बिंदगी (बंदगी) -- भक्ति तलबीदम (तलब-ए-दम ?) - अंतरनी इच्छा बुद (बुत) – देव, मूर्ति खुदावत (खुदाबंद) - मालिक तसरिक (तशरीफ) - पधरामणी दामन् - छेडो अकबर - महान अलाही (इलाही) - ईश्वर
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