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अनुसन्धान ३५
नगर ग्राम सरिखा होसेंजी, ग्राम ते चिता रे समान; कुटमी दास सरिसा होसेंजी, लांचग्राही पुरुष प्रधान...हो प्रा० ..... ३ राजतेज जम सारिखोजी, सजन निलजपणि जोय; केतिक कुलनी कामनीजी, वेस्या सदृस होय.... हो प्रा० ..... पुत्र स्वछंदें चालसेंजी, गुरु नंदक सिष्य मुगध; दुरजन सुखी ऋद्धना धणीजी, सुजन दुःखी अल्प रिध... हो प्रा०.... ५ मात पिता बठा रहेंजी, पुतर पामें जी काल, वाय प्रचंड वहसें वली, वेगला पडसें काल..... हो प्रा० ... ६ सरपादिक बहु जीवडाजी, थासें प्रथवी रें मांहि; अतीत ब्राह्मण धन लोभियाजी, थासें समता न आंहि...हो प्रा० .... ७ कुलाचार त्यागी होसेजी, साधु श्रावक दोय; कलह कषाइ जीवडाजी, विसनें बहु रित होय .... हो प्रा० .... ८ मिथ्याती नर देवताजी, ए पिण बहुलाजी होय; मंत्र यंत्र वलि ओषधीजी, लघु परभावीक जोय..... हो प्रा० ... ९ दया धरम पिण थोडलोजी, वलि धन आयू रे जाण; देव दरसण मनुष्यनेंजी, कठिन श्रवण वखाण.... हो प्रा० ... १० आचारज वलि साधनेंजी, स्रावक भणासी रे सूत्र; मावित्रसुं त्थी कारणेजी, कलहें करसी रे पुत्र .... हो प्रा० ... ११ सतियां मेला कापडाजी, कुलटा रंग विरंग; मलेछ राज बहुलो हुसेंजी, सांभलज्यो सहू संग... हो प्रा०... १२ श्रीभगवती माहें कह्योजी, तीसें बोलें विचार; श्रीवरधमान पसावलेजी, गुंथ्यो उण अनुसार... हो प्रा० .... १३ विजय गछमा दीपताजी, श्रीरूपदत्तमुनीस; तास पटोधर राजिताजी, सरूपदत्त सुजगीस .... हो प्रा०.... १४ तास सीस इण पर भणेजी, मानदत्त सुविचार; एह बोल सुणतां थकीजी, मनमां कीयोजी हकार.... हो प्रा० ... १५
|| इति कलयुग स्वाध्याय ॥
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