________________
फेब्रुआरी 2006
( ९ )
॥ कपूर हुवें अति ऊजलो रे । ए देशी ॥
देवी देव मनावतां रे, नीठ थयो सुत एक; कामातुर तिरिया वसें रे, मातसुं मांड्यो द्वेक... भविकजन; विषय महाबलवंत. होजी कोई जीत्या छे संत महंत...
सिटत पटित कलेवरु रे, काकजंघा सम स्वान; तसु केर्डे लाग्यो फिरें रे, विषय करी हयरान... रिद्ध वृद्ध कुलविध तजी रे, पायक भीम समान; मयणवसें दुःखीयो थयो रे, मूंज महाराजान... लंकापति अतुली बली रे, सुरपति पदवी सार; धरणी तसु मस्तक रुल्या रे, हह विषय विकार... केसफरस नियाणो कीयो रे, व्रत पाल्यो बहु काल; संभूत चक्रवरति बारमो रे, जायें सत्तम पायाल..... विषय - फल विष सारिका रे, जे सेवें नरनार; ते दुरगति दुःख पामसे रे, न लहें सास लगार...... कामनी मिरगफासमें रे, पडें तब पिछताय; जीवत चूंट कालजो रे, मुंवां नरक ले जाय.... इम जाणीनें तुम तजो रे, विषय चतुर सुजान; सीस सुगुर सरूपनो रे, पभणे इम रुषिमान... इति विषयत्याग गीतम् ॥
(१०)
गोतम प्रश्न कीयो भलोजी, चरणा सीस नमाय; काल पंचम आयो थकोजी, जाणीजे किण प्राय. हो प्राणी; जोवो अरथ विचार... १
वीर जिनेश्वर इम कह ( है ) जी, सुण गोतम सुवनीत; ग्यानीयें असो कह्योजी, जाणीजे इण रीत ...
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
भ०
भ०
भ०
भ०
भ०
भ०
भ०
भ०
:
हो प्रा०
१
Ꭴ
65
४
9
८
v
www.jainelibrary.org