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अनुसन्धान-५९
अनेक ग्रन्थोनी तेमणे रचना करी. वीरा श्रेष्ठी अने तेनो परिवार :
श्रीमाळी वंशना वीरा श्रेष्ठी पूनमिया गच्छना मुख्य श्रावक हता. मूळ भिन्नमालना वतनी तेओ ज्यारे पाटण आव्या त्यारे वीरवाडामां तेमणे जे वीरपरमात्मानो प्रासाद पूर्वे बनावराव्यो हतो ते वीरपरमात्मानी प्रतिमा पाटण (ढण्डेरवाडा)मां स्थापित करी. वीरानां अन्य सुकृतोनी विशेष नोंध अनुसन्धान५मां अज्ञात कवि कर्तृक साहवीरा सुकृतवर्णननी प्रशस्ति-चउपई लेखमां जोवी. वीराश्रावकनी चोथी पेढीए तेजसी श्रावक थयो. तेणे पण शामळा पार्श्वनाथनी प्रतिष्ठा, पित्तळना सहस्रकूट, आचार्यपद प्रदान महोत्सवादि घणां सुकृतो कर्यां. वीरानी वंशावली :
दोशी अदा (भार्या भोळाई)
वीरा (प्र.भा. रंगाइ, द्वि.भा. रूपा)
टोकर (पनोती) शिवजी(भा.चंगा) वीरबाई रवजी चांपा(पुत्री) जेठी(पुत्री) फूला(पुत्री)
(पुत्री) (भा.गंगाइ)
मनजी थानसिंह समरसिंह विजयसिंह इंद्राणी
(पुत्री)
मरघा (पुत्री)
रतनी (पुत्री)
सुरजी मेघजी सोमजी अबजी पकली (भा.सहजबाई)
(पुत्री) जयतसी (भा. रामबाई) तेजसी (प्र.भा. देवबाई, द्वि. भा. राधाकृष्णा)
गुलाब
पूंजी मलूक
लहिरकी (पुत्री)
(पुत्री)