________________ अनुसंधान-१५ * 31 जयउ सो सामी वीर जिणंदो पिक्खिय लंछणि जासु मइंदो / संगम कामिणि मणिमणि वासो काम करी किम करइ उल्लासो // 1 // नयसार सोहमि मिरीय सुबंभे कोसीय सुर वसुमित्त सुहम्मे / अग्गिजोई ईसाणग्गिभूई सिरिभारदह महिंद चउगई // 2 // थावर सुर वसुभूइ य सक्के हरि नारय सीह नारय चक्के / सक्कीय नंदण पाणय चवीउ देवाणंदा ऊअरि अवयरिउ // 3 // सीय छठ्ठि साढह वसीउ बियासी दिणि आणेई हरिणेगमेसी / कुंडगामि सिद्धत्थह नरवइ वालंभ त्रिसला तसु कुखि आवइ // 4 // चैत्रसीय तेरसि जायु जम्म मेरु कंपावीय सुणीइ रम्म / छप्पियइ नंदण दईय जसोआ नंदिवर्द्धन पहो जाणे भाया // 5 // बहुल दसमि पहु मगसिर मासह दिक्ख लेउ सहीया उवसग सहस / सिय वइसाह दसमिइं केवल कित्तीयमावस सुद्ध सीय निम्मल // 6 // इय जिण वीरह कणय सरीरह सत्त हत्थु उच्चत्त तणु / जय गणहर गोयम जगि जस उत्तम फलीप सयल कल्लाणवण // 7 // // इति श्री महावीरस्तोत्रम् // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org