SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 3
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मार्च २०१० पछी जवाबमां ओ पंक्तिओनो साचो अर्थ 'ना सखी, पंखो, 'ना, सखी, चूडो, 'ना सखी चन्द' ओ रीते त्रीजा पदनो प्रास मळे ओवा अनुप्रासमां जवाब अपायो छे. ओ पछी चार प्रहेलिका जेवा दोहाओ छे. ओनो जवाब पण साथे ज अपायो छे. त्यार बाद, अथ सज्यनका दोहा लिष्यते - एम शीर्षक दर्शावीने आठ दोहा, ओ पछी नारीना पंदर विविध नाम अने चार प्रकारनी स्त्रीओनां लक्षणो अपायां छे. त्यारबाद सित्तेर जेटला दोहाओ जेमां विरह, सज्जन लक्षणो, धर्म, उपदेश, सुभाषित वगेरे विविध विषयो आवता रहे छे, अमां कोइ चोक्कस सम्पादनना खयाल विनानुं छूटक सामग्रीओकत्रीकरण थयुं छे. त्यारबाद मुसलमानी शेर, गझल, रीख लालचन्दजी कृत उपदेशना सवैया, चूटका अने छूटक दोहाओ, संकलन जोवा मळे छे. आ सामग्रीमा केटलाक गूढार्थ दोहाओना जे अर्थ अपाया छे ते पूरेपूरा समजी शकाया नथी, त्यां प्रश्नार्थचिह्न अने क्यांक कौंसमां लोककण्ठे मळतुं पाठान्तर पण दर्शाव्युं छे. आमांना घणा दोहा अन्यत्र प्रसिद्ध अने चलणी पण होवानुं जणाय छे. कोइ जाणकार विद्वान ओ अंगे विगतवार प्रकाश पाडशे ओवी नम्र अभ्यर्थना छे. ॐ नमो सिद्धं ॥ अथ गूढार्थका दोहा ॥ राज काज गुण आगलो भीतर चंगी देह पीयू पधारो चोवटे मोकल देजो तेह (नारीयल) आभा सरीखो उजलो तारा सरीखो घाट मीरगानिणी मोलवे गांधी केरे हाट (काच) कुख कालो मुख उजलो चले मोपाला संग सुन्दर दीसे शोभतो विचित्र उनका रंग (हाथी) रातो फूल गुलाबनो माहि धवली चितरीया चालो सखी सरवर जइओ नर बांध्यो अस्तरीयां (डूटयाथी बांध्यो कंचवो) काजल वरणो हे सखी मीलीयो ओक पुरुष बालपण वहालो को नहि रोवणवाला लख (कांगलो)
SR No.229337
Book TitleGudartha Dohao ane Anya Samagri Paramparagat Lokvarsanu Jatan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjan Rajyaguru
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages20
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size110 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy