________________ 32 अनुसन्धान-५६ पाएहिँ ओसरियाओ सोणियगंधेण जस्स कीडीओ / खायंति उत्तिमंगं चिलायपुत्तं नमसामि // 251 // कसाइपाउओविव ससीसओ समुहओ सवाहाओ / कीडाहि धीरपुरिसो न खोभिओ निच्छओवगओ // 252 // चालणगं पिव भगवं समंतओ सो कओ य कीडाहिं / घोरं सरीरवियणं तहावि अहियासए धीरो // 253 // सोमो य पढमराया जमो य वरुणो य तह कुबेरो य / सव्वे वि लोगपाला निमंतएं जं परमतुट्ठो(?ट्ठा) // 254 // अड्डाइज्जेहिं राइदिएहिं पत्तं चिलायपुत्तेण / देविंदामरभवणं पाओवगम करितेण // 255 // जो सो सुसाणमज्झे पडिमं ठासीय चेइए रोहे / वोसट्ठचत्तदेहं कुरुदत्तमिसिं नमसामि // 256 / / जो द_माणओ विय तइया अग्गीय तत्थ जालाहिं / न य कासी य पओसं कुरुदत्तमिसिं नमसामि // 257 / / हत्थिणपुरकायलयं धीरं सव्वसुयसारपारगयं / कुरुदत्तं अणगारं अणुत्तरपरक्कम वंदे // 258 // तं चोद्दसपुव्वधरं वंदे देवगणवंदियं सिरसा / सव्वट्ठसिद्धिनिलयं कुरुदत्तमिसिं नमसामि // 259 / / जो चोइओ महप्पा देवेणं पुव्वसंगईएणं / पव्वइओ तं धीरं आणंदमिसिं नमसामि // 260 // कुंभग्गसो सुवण्णं मणिमोत्तिसिलप्पवालवइराइं / जो चइउं पव्वइओ आणंदमिसिं नमसामि // 261 // जस्स य अ[स]द्दहन्ती भोगविहिं चेल्लणा गया भवणं / 1. पाए दुस्सरि० खं. 2 / 2. मत्थुलिंगं खं. 2 / 3. कासाइपाववो० खं. 2 / 4. सवाहूओ० खं. 1 / 5. ०पुरिसे ख. 2 // 6. खोहिओ खं. 2 / 7. उ खं. / 8. तह विय खं. 2 / 8. ०णो तहा खं. 2 / 9. निमंतओ खं. 2 / 10. करें० खं. 2 / 11. ०माणो खं. 2 / 12. ०परि० 2 / 13. जो चइउं पव्वइओ खं. 1 / 14. पव्वइयं खं. 2 / 15. ०विही खं. 2 /