________________
16
अनुसन्धान ३२
जो सलोको एह जोडायो
उदयरत्न कहे पुण्योदय मे पायो ॥७८।। सं. १८७१ ना आसो सुदी ४ लखितं मुनि गुणरत्नेन ।
शब्दकोश
जाग बारांक तेराक सुखमालि
उपें
याग वार तेर सुकामळ
ओपे-शोभे पंक्ति कमान वेणी (चोटलो), वासुकी
ओल कवांन वणे, वासंग
(नाग)
मुंघ मुलांनी रदन तांणा लेंहिरिं वेंण वाहीने भडि आकुत कांमण्य भारथ तईहारि छालीमां नाहर गीर्याइ अमरख
मोघा मूलनी दांत पर (तंबू) तांण्या लहेरो वीणा वगाडीने सुभट आकूत-अभिप्राय कामिनी महाभारत/युद्ध त्यारे छालियामां(?) जंतु विशेष (?) गिरिजाए अमर्प रोप
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org