________________ ठाणंगसुत्तं (मूलम्) बीयं अज्झयणं 'बिट्ठाणं' (पढमो उद्देसओ) 49. जदत्थि णं लोगे तं सव्वं दुपओआरं, तंजहा-जीवच्चेव अजीवच्चेव / (1) तसच्चेव थावरच्चेव 1, सजोणियच्चेव अजोणियच्चेव 2, साउयच्चेव अणाउयच्चेव 3, सइंदियच्चेव, अणिंदियच्चेव 4, सवेयगा चेव अवेयगा चेव 5, सरूवि चेव अरूवि चेव 6, सपोग्गला चेव अपोग्गला चेव 7, संसारसमावन्नगा चेव असंसारसमावन्नगा चेव 8, सासया चेव असासया चेव 9 / . (2) आगासे चेव, नो आगासे चेव / धम्मे चेव अधम्मे चेव / बंधे चेव मोक्खे चेव / पुने चेव पावे चेव / आसवे चेव संवरे चेव / वेयणा चेव निज्जरा चेव / 50. दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-जीवकिरिया चेव अजीवकिरिया चेव। जीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सम्मत्तकिरिया चेव, मिच्छत्तकिरिया चेव / अजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-इरियावहिया चेव संपराइगा चेव / दो किरियाओ पन्नत्ताओ तंजहा-काइया चेव आधिकरणिया चेव / काइया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-अणुवरयकायकिरिया चेव दुप्पउत्तकायकिरिया चेव / आधिकरणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-संजोयणाधिकरणिया चेव णिब्वत्तणाधिकरणिया चेव / ____ दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाओसिया चेव पारियावणिया चेव / पातोसिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवपाओसिया चेव अजीवपाओसिया चेव / पारियावणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सहत्थपारियावणिया चेव दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाणातिवायकि रिया चेव सहत्थपाणातिवायकि रिया चेव परहत्थपाणातिवायकिरिया चेव / अपच्चक्खाणकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव अजीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव /