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जयसिंह
अभयदेवसूरि
चन्द्रसूर
विजयसिंहसूरि (वि.सं. १९९१ / ई. सन् ११३५ में धर्मोपदेशमालावृत्ति के रचनाकार) मुनिसुव्रतचरित :
यह प्राकृत भाषा में इस तीर्थंकर के जीवन पर लिखी गयी एक मात्र कृति है, जो मलधारगच्छीय प्रसिद्ध आचार्य श्रीचन्द्रसूरि द्वारा वि.सं. १९९३ / ई. सन् ११३७ में रची गयी है 1 इसकी प्रथमादर्श प्रति आचार्य के गुरू-भ्राता विबुधचन्द्रसूरि द्वारा लिखी गयी । ग्रन्थ की प्रशस्तिर में ग्रन्थाकार ने अपनी गुरू-परम्परा के साथ अपने गुरू- भ्राता के इस सहयोग का भी उल्लेख किया है :
जयसिंहसूर
अभयदेवसूरि
हेमचन्द्रसूरि
श्रीचन्द्रसूरि (वि.सं. १९९३/ई. सन् ११३७ में मुनिसुव्रतचरित के रचनाकार)
विबुधचन्द्रसूरि
( मुनिसुव्रतचरित की प्रथमादर्शप्रति के लेखक)
सुपासनाहचरिय:
प्राकृत भाषा में ८००० गाथाओं में निबद्ध यह कृति वि.सं. १९९९ / ई. सन् १९४३ में
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हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारीगच्छ का संक्षिप्त इतिहास
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