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लिखा है-"अण्डों में कैलशियम की कमी और कार्बो- और तरह-तरह के दर्द पैदा कर देता है।" डा. हेग ने हाइड्रेट्स का बिल्कुल अभाव होता है, इस कारण से अपने अनुसंधान के आधार पर इस सन्दर्भ में निम्न .. बडी आँतों में जाकर सडान मारते हैं।' डा. गोविन्द- तालिका प्रस्तुत की हैराज का कहना है कि "अण्डों में नाइटोजन, फास्फोरिक
तालिका क्रमांक 2 एसिड और चर्बी की अधिक मात्रा होती है, इस कारण ये शरीर में तेजावी माद्दा पैदा करते हैं और मनुष्य
मछली व मांस में यूरिक एसिड विष को रोगी बनाते हैं। इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति- खाद्य पदार्थ का नाम प्रति पौंड यूरिक एसिड प्राप्त चिकित्सकों द्वारा किये गए अनुसंधानों के आधार
विष की मात्रा पर यह बात स्पष्टत: प्रमाणित हो गई है कि अण्डे
मछली मनुष्य के लिये उपयुक्त आहार नहीं हैं।
भेड़, वकरी
बछड़ा मांस एवं मछलियां
सूअर
चूजा
गाय
गाय की भुनी वोटी गाय का जिगर .... मांस का शोरबा...
माँस के प्रभावों की चर्चा करते हुए हार्वर्ड स्कूल ऑफ अमेरिका के डा. ए. वाचमैन और डा. डी. एस. वर्मस्टीन ने लिखा है-"माँसाहारी लोगों का पेशाब प्रायः तेजाबयुक्त होता है। इस कारण शरीर के रक्त का तेजाव और क्षार का अनुपात ठीक रखने के लिये हड्डियों में से क्षार के नमक खून में मिलते हैं, और इसके विपरीत शाकाहारियों का पेशाब क्षारवाला होता है । इसलिये उनकी हड्डियों का क्षार खून में नहीं जाता और हडियाँ मजवत रहती हैं। उनकी राय में जिन व्यक्तियों की हडिडयां कमजोर हों उनको विशेष तौर पर अधिक फल, सब्जियों के प्रोटीन और दध का सेवन करना चाहिये, माँस एक दम छोड़ देना चाहिये।"
यह यूरिक एसिड विष जव रक्त में मिलता है तव हार्ट डिजीज, टी. बी, सांस रोग, जिगर की बीमारी हिस्टीरिया, खून की कमी, गठिया, अजीर्ण, अधिक नींद आना, तरह-तरह के दर्द, इनफ्लूएंजा जैसे अनेक प्रकार के बुखार आदि सैकड़ों रोग पैदा होते हैं।
मुर्गे का मांस
__ लन्दन के डाक्टर एलेक्जेण्डर हेग के वैज्ञानिक पशु चिकित्सा सेवाओं के संघीय निर्देशक डा. एस. परीक्षण के अनुसार मछली और मांस में यूरिक एसिड बुरासिंहम ने अनुसंधान के आधार पर यह प्रमाणित विष होता है । यह विष जब खून में मिलता हैं तव किया है कि मुर्गे खाने से पुरुषों का पौरुष खतरे में पड़ दिल की बीमारी, टी. बी. जिगर की खराबी, श्वांस सकता है । मुर्गों में वजन बढ़ानेवाले हार्मोन्स होने के रोग, खून की कमी, गठिया, हिस्टीरिया, सुस्ती, अजीर्ण कारण इसके खाने से पुरुषों में स्त्रीयोचित गुणों का
1. लैंसेंट 1968 वोल्यूम, पृष्ठ 958
(साइन्स न्यूज : दिल्ली विज्ञान संघ से उद्धृत)
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