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प्रणेता
भाषा
रचनाकाल
क्रम ग्रन्थ नाम एवं n संख्या उनका प्रमाण
विशेष
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प्रतिलिपिकाल पत्र संख्या उपलब्ध करने अथवा
जानकारी प्राप्त करने के स्रोत
१.
आदिपुराण
आदिपम्प
कन्नड़
६४१ ईस्वी
अज्ञात
२. नाभेयनेमि द्विसन्धान
काव्य
अज्ञात
हेमचन्द्र
संस्कृत
विक्रम की १३ वीं सदी वि० सं०१४५४
३. बाहुबलीदेवचरिउ
धनपाल
अपभ्रंश
-
२७०
कुमुदचन्द्र
हिन्दी
हिन्दी
वि०सं०१४६७
४. बाहुबलि छन्द
पद्य सं० २११
अज्ञात
Jajna Antiquary ऋषभदेव चरित वर्णन . Vol V No. IV प्रसंग में बाहुबलि चरित pp. 144-146 वणित है। पाटण प्राचीन भण्डार श्लेष-शैली में बाहुबलि नं. १ झवरीवाडा, चरित वणित है। . पाटन आमेर शा० भ०, जयपुर - में सुरक्षित आमेर शास्त्र भण्डार हिन्दी भाषा-विकास की जयपुर
दृष्टि से यह ग्रन्थ अत्यन्त
महत्त्वपूर्ण है । ग्रन्थ सूची भा० ५/१०६६ दि० जैन मन्दिर बाराबंकी Jain Antiquary १०० पद्यों में बाहुबलि Vol V No IV, चरित वर्णित है Pp. 144-146.
५. तिसट्ठि महापुरिक्ष गुणा
लंकारु
वि० सं० १४६६
१०२
रइधू०
अपभ्रंश
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६.
भुजबलि-शतक
दोड्डय
कन्नड़
वि० सं० १५५०
-
अज्ञात
कन्नड़
७. बाहुबलीचरिते
पंचबाण ८. भरतराज दिग्विजय वर्णनभाषा
___ अज्ञात
अज्ञात ५६ ।।
वि० सं १७३८ असोज सुदी ५
हिन्दी
आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ
आमेर शा० भ० इस रचना को जिनसेन जयपुर ग्रन्थ सूची भा० कृत आदिपुराण के २६ वें
पर्व का प्राचीन हिन्दी गद्यानुवाद माना जा सकता है। हिन्दी भाषा विकास की
दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रचना दि० जैन खण्डेलवाल दे० आमेर शा० भं० । मन्दिर उदयपुर में जयपुर ग्रन्थसूची भा० ५/ सुरक्षित
११६ भट्टारक सम्प्रदाय (सोलापुर) पृ० २८६
६. बाहुबलिवेलि
वीरचंदसूरि राजस्थानी
१
वि० सं० १७४४
हिन्दी
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१०. भरतभुजबलिचरित
२२० पद्य ११. शत्रुञ्जयरास १२. गोम्मटेशचरिते
पामो हिन्दी जिनहर्षगणि गुजराती अनन्तकवि कन्नड़
वि० सं० १७४६ वि० सं० १७५५ १७८० ई०
अज्ञात अज्ञात अज्ञात
Jain Antiquary Vol V No IV pp. 144-146