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चित्र :9 यदि 1, I, और a क्रमश: भीतरी परिधि, बाहरी परिधि और पहिए की चौड़ाई हों तो क्षेत्रफल होगा,
[9, VII, 803
महावीर सही क्षेत्रफल दूसरी तरह से प्राप्त करते हैं ।
s = + a / 10.
यदि 1=3d हो तो ऊपर दिया गया सूत्र आसानी से समझा जा सकता है ।
"एक वृत्त का क्षेत्रफल व्यास के वर्ग से घटाने पर उस आकृति का क्षेत्रफल प्राप्त होता है जो कि चार बराबर परस्पर सटे हुए वृत्तों के भीतरी भाग में बनती है। [9. VII, 82
इस तरह, यदि d= व्यास हो तो वक्र आकृति ABCD का क्षेत्रफल होगा,
वास्तव में, d= वर्ग EFGH का क्षेत्रफल है, -4 4 बराबर वक्र आकृतियों (AEB, BFC, CGD,DHA) का क्षेत्रफल है। यह आकृतियाँ क्रमशः AOB, BOC, COD और DOA के बराबर हैं अर्थात् यह क्षेत्रफल उन चार बराबर परिधियों वाली भीतर बनी आकृतियों का है जो एक दूसरे को छू रही हैं।
निम्नलिखित उदाहरण इस सूत्र से हल किया जाता है : 'यदि वृत्तों का ब्यास 4 हो तो चार समान परस्पर सटे हुए वृत्तों के बीच के भाग की आकृति का क्षेत्रफल बताओ।"
9. VII, 83
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आचार्यरत्न श्री देशमूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ
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