________________ / दर्शन-दिग्दर्शन महावीर न होंगे, तेरी-मेरी कल्पना के महावीर होंगे। यदि हमें वास्तविक महावीर चाहिये तो उन्हें कल्पनाओं के घेरों में न घेरिये, उन्हें समझने का यत्न कीजिए, अपनी विकृत कल्पनाओं को उन पर थोपने की अनाधिकार चेष्टा मत कीजिए / Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org