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नियुक्तिसाहित्य : एक परिचय
अन्य नियुक्तियाँ -- उपलब्ध इन आठ नियुक्तियों के अतिरिक्त कुछ और नियुक्तियाँ भी हैं, जो निम्न हैं --- संसक्तनियुक्ति -- यह नियुक्ति किस आगम पर लिखी गई है, इस सम्बन्ध में कोई उल्लेख प्राप्त नहीं होता। कितने ही विद्वान इसे भद्रबाहु की रचना मानते हैं, कितने उनके बाद के किसी आचार्य की रचना मानते हैं। चौरासी आगमों में इसका भी उल्लेख है। निशीथनियुक्ति -- यह नियुक्ति एक प्रकार से आचारांगनियुक्ति का एक अंग है, क्योंकि आचारांगनियुक्ति के अन्त में स्वयं नियुक्तिकार ने लिखा है कि पंचमचूलिकानिशीथ की नियुक्ति मैं बाद में करूंगा। यह नियुक्ति निशीथभाष्य में इस प्रकार से समाविष्ट हो गई है कि इसे अलग नहीं किया जा सकता, इसमें मुख्य रूप से श्रमणाचार का उल्लेख है। गोविन्दनियुक्ति -- इस नियुक्ति में दर्शन सम्बन्धी मन्तव्यों पर प्रकाश डाला गया है। आचार्य गोविन्द ने एकेन्द्रिय जीवों की संसिद्धि के लिये इसका निर्माण किया था। यह किसी एक आगम पर न होकर स्वतन्त्र रचना है। बृहत्कल्पभाष्य, आवश्यकचूर्णि एवं निशीथचूर्णि में इसका उल्लेख मिलता है। यह वर्तमान में यह उपलब्ध नहीं है। आराधनानियुक्ति -- यह भी वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। चौरासी आगमों में "आराधनापताका" नामक एक आगम है, सम्भव है यह नियुक्ति उसी पर हो। मूलाचार में वट्टकेरस्वामी ने इसका उल्लेख किया है। शरिभाषितनियुक्ति -- चौरासी आगमों में ऋषिभाषित का भी नाम है। प्रत्येक बुद्धों द्वारा भाषित होने से यह ऋषिभाषित के नाम से विश्रुत है। इस पर भी भद्रबाहु ने नियुक्ति लिखी थीं पर वर्तमान में अनुपलब्ध हैं। सूर्यप्रशप्तिनियुक्ति -- यह भी वर्तमान में उपलब्ध नहीं है परन्तु आचार्य मलयगिरि की वृत्ति में इसका नाम निर्देश हुआ है। इसमें सूर्य की गति आदि तथा ज्योतिषशास्त्र सम्बन्धी तथ्यों का सुन्दर निरूपण हुआ है।
इनके अतिरिक्त पिण्डनियुक्ति, ओघनियुक्ति एवं पंचकल्पनियुक्ति स्वतन्त्र ग्रन्थ न होकर क्रमशः दशवैकालिक, आवश्यक और बृहत्कल्पनियुक्ति की ही संपूरक हैं।
इस प्रकार जैन परम्परा के महत्त्वपूर्ण विशिष्ट पारिभाषिक शब्दों की स्पष्ट व्याख्या जो नियुक्ति साहित्य में हुई है वह अपूर्द है। इन्हीं व्याख्याओं के आधार पर बाद में भाष्यकार, चूर्णिकार एवं वृत्तिकारों ने अपने अभीष्ट ग्रन्थों का सृजन किया है। नियुक्तियों की रचना करके भद्रबाहु ने जैन साहित्य की जो विशिष्ट सेवा की है, वह जैन आगमिक क्षेत्र में सर्वथा अविस्मरणीय है।
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