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करियो गजब इन्याय कंवर तेजाजी ! ताळा तो तोड़या बीजळसार-रा घोड़े ने ठाण बंधावो कंवर तेजाजी !"
घोड़े - घास नीरावो कंवर तेजाजी ! करले - ने नीरावो नागर-वेलड़ी खड़नाळे घास घणो रे बेटा माळी-का ! वेलड़ी वन छाया नागाणे - रै गोरव पोतो ला रे छोरा चाकर का ! अमल-री मनवारां तेजाजी -रे साथ-री अमला में तो पूर छकिया बेटा माळी-का । अमला - रा छकिया जासां सासरे
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तूं छै भरम-रो वीर बेटा माळी-का ! मारगियो बता दे सहर पनेर- रो डूंगर व कंवर तेजाजी ! जीवणी जाव सहर पनेर-नै गोठां जीम पधारो कंवर तेजाजी !
ari - बाग-बगीचा बेटा माळी का ! कुणां-रा कहीजै कूवा वावड़ी ? राजाजी-रा बाग-बगीचा कंवर तेजाजी ! रायमल-मूतै-रा कूवा वावड़ी काय- बाग लगावो बेटा माळी -का ! काय सूं खोदावो कूवा वावडी ? ह-सूं बाग लगावां रे कंवर तेजाजी ! हाथां सूं लगावां मरवो - केवडो काय - बाग सिंचाव बेटा माळी -का ! काय-सू सिचावो मरवा - केवड़ो ? दूध बाग सिंचा कंवर तेजाजी ! दहियां सिचायो मरवा के वड़ो
- बाग निना बेटा माळी-का ! काय-सू निनाणो मरवो- केवड़ो ? खुरपां बाग निनाणां कंवर तेजाजी ! नख-सूं निनाणां मरवो वड़ो बागां में कांई रसाल रे बेटा माळी -का !... बागां-में दाड़म-दाख कंवर तेजाजी ! धोळा फूळां मरवो-केवड़ो
for गळ फूल-माळा रे बेटा माळी -का ! कुणां-रे पेचां मरो - केवड़ो ? राजा - रै गळ फूल-माळा कंवर तेजाजी ! रायमल मूता - सिर-रो सेवरो तन सोन-री मुरकी रे बेटा माळी का ! थारी माळण-नं पैराऊं बांको वालो तने पंचरंग पाघ रे बेटा माळी का ! थारी माळण नै ओढाऊं बो-रंग चूनड़ी
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खड़िया धमल पुराना कंवर तेजाजी ! दिनड़ो तो उगायो सहर पनेर-में घोड़ होंस करी रे कंवर तेजाजी पणिहारयां चमकी सहर पनेर-री चळू दोय पाणी पावो"
कठै वास वसै रै लीलै घोड़े आळा ! किसे राजा-री चालो चाकरी ? खड़नाल वास वसै " रायमल मूंता - रे सिगरथ पावणा पानीड़ों कांई मांगोरे ल्होड़ा बैनोई ! झारी तो भर लाऊं काचं दूध-री
देवा लाख बधाई भोळी नणदल । पातळियो नणदोई बागां ऊतरथो झूठी झूठ बोल ए भावज महारी ! म्हारो तो परण्योड़ो नागाणं देस में झूठ बोलूं तो रामदुहाई भोळी नणदल ! पातळियो नणदोई बागां ऊतरथो
३२२ : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ
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