________________ 5/ जैनदार्शनिक साहित्य : 15 अकलंकदेव (वि०७००) (न्यायविनिश्चय ( अकलङ्कग्रन्थत्रयमें ) विवरणसे उद्धृत) प्रकाशित प्रमाणसंग्रह ( अकलङ्कग्रन्थत्रयमें) सिद्धिविनिश्चय प्रकाशित (सिद्धिविनिश्चयटीकासे उद्धृत), अष्टशती प्रकाशित (आप्तमीमांसाकी टीका) प्रमाणलक्षण (?) मैसूरकी लाइब्ररी तथा कोचीनराज पुस्तकालय तिरूपुणिठणमें उपलब्ध तत्त्वार्थवार्तिक प्रकाशित ( तत्त्वार्थसूत्रकी टीका) [जिनदासने निशीथचूणिमें इन्हींके सिद्धिविनिश्चयका उल्लेख दर्शनप्रभावक शास्त्रोंमें किया है / ] कुमारसेन (वि० 770) जिनसेन द्वारा महापुराणमें स्मृत कुमारनन्दि (वि० ८वीं) वादन्याय विद्यानन्द द्वारा प्रमाणपरीक्षामें उल्लिखित वादीभसिंह ( वि० ८वीं) स्याद्वादसिद्धि प्रकाशित नवपदार्थनिश्चय मडबिद्री भंडारमें उपलब्ध अनन्तवीर्य (वृद्ध) ( वि० ८-९वीं) सिद्धि विनिश्चयटीका रविभद्रपादोपजीवी अनन्तवीर्य द्वारा सिद्धिविनिश्चयटीकामें उल्लिखित अनन्तवीर्य रविभद्रपादोपजीवी (९वीं) सिद्धिविनिश्चयटीका प्रकाशित विद्यानन्द ( वि० ९वीं) अष्टसहस्री प्रकाशित (आप्तमीमांसा-अष्टशतीकी टीका) तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक ( तत्त्वार्थसूत्रकी टीका), युक्त्यनुशासनालङ्कार, विद्यानन्दमहोदय तत्त्वार्थश्लोकवार्तिकमें स्वयं निर्दिष्ट तथा वादिदेवसूरि द्वारा स्याद्वाद रत्नाकरमें उद्धृत आप्तपरीक्षा प्रकाशित प्रमाणपरीक्षा प्रकाशित पात्रपरीक्षा ,, आप्तपरीक्षाके साथ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org