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________________ निर्धन लोग भी एक गाँव से दूसरे गाँव में जा सकते हैं और यदि यह भी न हो सके तो एक घर को छोड़कर दूसरे घर में तो जा ही सकते हैं। यदि रोगी को उसके कमरे से दूसरे कमरे में कर दिया जाय तो भी बहुत कुछ लाभ हो सकता है। हाँ, इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिये कि नये बदले हुए स्थान की वायु स्वच्छ हो। इसी तरह उदाहरण के लिए जो रांग नम हवा के कारण उत्पन्न हुआ है यदि स्थान बदलकर हम उससे भी नम हवा में जाते हैं तो वह रोग कदापि नहीं छूट सकता: कभी-कभी हवा के परिवर्तन से कुछ लाभ नहीं होता । इसका मुख्य कारण यही है कि हम बदले हुए स्थान पर जाकर पूरी सावधानी नहीं रखते । इस प्रकरण में वायु के साधारण उपचार ही बतलाए गए हैं। लेकिन इसके पहले वायु प्रकरण में स्वच्छ वायु का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसका पूरा विवेचन किया गया है । इसलिए मैं अपने पाठकों को दानों प्रकरणों को साथसाथ पढ़ने की सलाह दूंगा। ११-जल चिकित्सा चूँकि हवा एक ऐसी वस्तु है जिसे हम देख नहीं सकते । इसलिए उसके किये हुए अद्भुत कामों को भी हम नहीं समझ पाते। लेकिन जल और उसकी चिकित्सा के लाभ को हम अच्छी तरह समझ सकते हैं। पानी के भाप-चिकित्सा को सभी जानते हैं । बुखार में अक्सर हम लोग उसका उपचार करते हैं। असह्य सिर दर्द में भी इसके उपचार से बहुत लाभ होता है । गठिया के
SR No.100004
Book TitleSwasthya Sadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherGandhi Granthagar Banaras
Publication Year1951
Total Pages117
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size16 MB
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