SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रखना चाहिए। बाल को बढ़ाना, कंघो करना और बीच से माँग निकालना जंगलोपने की निशानी है। बढ़े हुए बालों में मैल और जूं पड़ जाते हैं। अगर बालों के अन्दर फोड़ा निकल आवे तो उचित औषधि करना भी कठिन हो जाता है । खास कर उन लोगों के लिए जो पगड़ी का प्रयोग करते हैं, बाल बढ़ाना मूर्खता है। पैरों के द्वारा भी हम बहुत से रोगों के शिकार हो जाते हैं। बूट और जूते पहनने वालो के पैर गन्दे हो जाते हैं और पसीना देने लगते हैं। जूता और मोजा उतारते समय-जिसे बदबू की पहचान होगी, उसका वहाँ खड़ा रहना मुश्किल हो जाता है । जूते का दूसरा नाम कंटकारी है। इससे यह साबित होता है कि जब हमें काँटों में ठंडक में अथवा धूप में चलना पड़े तभी जूतों को पहनना चाहिए और वह भी इस तरह के जिनसे केवल तलवे ढक सकें और सारा पैर खुला रहे । खड़ाऊँ से यह आवश्यकता पूरी हो सकती है। जिनके सिर में दर्द रहता हो, शरीर निर्बल हो, पैरों में दर्द होता हो उनके लिए तो हमारी यह राय है कि वे नंगे पाँव चलने का अभ्यास करें। ऐसा करने से वे शोघ्र लाभ का अनुभव करेंगे। ___ -पुरुष-स्त्री का संयोग पिछले प्रकरणों के पढ़ने वालों से मेरी प्रार्थना है कि वे इस 'प्रकरण को और भी ध्यान से पढ़ें और इस पर विचार करें। क्योंकि यह विषय बहुत गम्भीर और महत्वपूर्ण है। अन्य प्रकरण भी उपयोगी हैं और वे अपना अलग-अलग महत्व रखते हैं। लेकिन जीवन के लिए इससे उपयोगी और महत्वपूर्ण दूसरा प्रकरण नहीं है। मैं पहले कह चुका हूँ कि इस पुस्तक में कोई
SR No.100004
Book TitleSwasthya Sadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherGandhi Granthagar Banaras
Publication Year1951
Total Pages117
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy