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________________ १६ – कुछ आकस्मिक घटनाएँ डूबना — अब हम उन आकस्मिक घटनाओं की ओर ध्यान देंगे तथा उनके उपचार के विषय में कुछ बतलायेंगे। जिनका प्रत्येक मनुष्य को कुछ न कुछ ज्ञान रखना आवश्यक है ताकि समय पड़ने पर वे अपनी तथा दूसरों की कुछ सहायत कर सकें और बहुतों का अमूल्य जीवन बचा सकें। बालकों को भी इनका उपचार सिखलाना चाहिए | ताकि बड़े होने पर वे दयालु हो सकें । पहले हम डूबे हुए मनुष्य का उपचार बतलायेंगे : हवा के बिना मनुष्य पाँच मिनट से अधिक नहीं जीवित रह सकता है । डूबते हुए मनुष्य को बाहर निकालने पर उनके अन्दर कुछ प्राण का संचार रहता है । अतः शीघ्रातिशीघ्र उसे होश में लाने का प्रयत्न करना चाहिये | इसके लिये दो कामों का करना आवश्यक है । पहला -- उसके अन्दर स्वाँस आने जाने का प्रयत्न किया जाय । दूसरा - उसे गर्मी पहुँचाई जाय । हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि पहला काम नदी या तालाब के किनारे ही करना पड़ता है जहाँ पर कि सब यावश्यक वस्तुओं का मिलना कठिन है । खास कर यह तभी किया जा सकता है जब कि वहाँ दो तीन आदमी और हों । सहायक के लिए यह आवश्यक है कि वह समय-सूचक, धेर्यवान, और फुर्तीला हो। क्योंकि यदि वह स्वयं घबड़ा उठेगा तो वह कुछ भी मदद नहीं कर सकेगा । ऐसे ही यदि सहायक - गण उपचार के विषय में वाद-विवाद करने लगें तो उस मनुष्य के बचने की कम आशा रहती है । उनमें सबसे अधिक जानकारी रखने वाले को चाहिए कि वह अन्य सहायकों को बतलावे और सहायकों को चाहिए कि वे उसकी आज्ञानुसार कार्य वाही करें ।
SR No.100004
Book TitleSwasthya Sadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherGandhi Granthagar Banaras
Publication Year1951
Total Pages117
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size16 MB
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