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उपरोक्त कारणों से हमारे पाठक समझ गये होंगे कि रोग होने पर डा० की सहायता की कुछ भी आवश्यकता नहीं है। हाँ, जो लोग डाक्टर एवं औषधियों का बहिष्कार नहीं कर सकते, हम यही कहेंगे कि यथासाध्य वे अपने ऊपर विश्वास रखें और डाक्टर को अधिक न सतावे और यदि उन्हें डाक्टर की सहायता अनिवार्य ही हो जाय, तो कम-सेकम किसी योग्य डा० को बुलावें और उसी के मतानुसार चलें । किसी दूसरे व्यक्ति को तब तक न बुलावें, जब तक कि डाक्टर स्वयं न बुलाने को कहें । लेकिन यह याद रहे कि रोगों को जड़ से दूर करना डाक्टर के हाथ में नहीं है।
फिनिक्स-नेटाल
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-मोहनदास कर्मचन्द गांधी।