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भारत की खोज
और अगर जिंदगी को बदलना है तो कुछ लोगों को दुःख पहुंचेगा जो लोग जिंदगी की छाती पर सवार है उन्हें उतारने में दुःख पहुंचेगा । तब एक ही रास्ता है की मैं अप नी गरीबी को भोगूं और भगवान से प्रार्थना करूं की अगले जन्म में मुझे गरीब नव नाए फिर इस गरीबी को बदलने का कोई उपाए नहीं रह गया गरीबी भोगनी पड़ेगी
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समस्या को झेलना पड़ेगा और अगर बहुत कठिन हो जाए समस्या तो समझना पड़े गा यह सब माया है यह सब खेल चल रहा है, यह सब सपना है, यह सब सच नहीं
जैसे एक आदमी बहुत मुसीबत मैं होता है और शराब पी लेता है कभी आपने सो चा है की आदमी शराब क्यों पी लेता है ? आदमी शराब इसलिए पी लेता है की श राब पी के मुसीबत सपना मालूम पड़ने लगती है झूठ मालूम पड़ने लगती है एक आ दमी की पत्नी बीमार है और वह दवा नहीं ला पाता है, और वह इलाज नहीं करव पाता है और पत्नी मरने के करीब पड़ी हैं वह आदमी शराब पी के बैठा है पत्नी भी झूठ है मकान भी झूठ है सारी दुनिया झूठ है और वह मजे में है अब न पत्नी की चिंता है, न बीमारी की, न दवा का इंतजाम करना हैं वह आदमी शराब पी के क्या कर रहा है? वह शराब पी के सारी दुनिया झूठ कर रहा है वह शराब पी के सारी जिंदगी की चिंताओं को भूलने का उपाए कर रहा है।
शराब पी के एक आदमी जो करता है पूरे भारत में जिंदगी को झूठे कहके वहीं क काम किया है पूरी कौम ने शराब पी ली और तब फिर समस्याओं को हल नहीं कीया
जा सकता एक शराबी आदमी कैसे समस्याओं को हल करेगा, वह तो समस्याओं इं कार कर रहा है। वह तो यह कह रहा है समस्याएं है ही नहीं। शराब पिया हुआ अ आदमी जिंदगी को नहीं बदल सकता क्योंकि जिस जिंदगी को बदलना है उसे तो शरा ब पी के उसने झूठ कर दिया उसको भूल गया उसका विस्मरण कर दिया। भारत ने एक तरह की शराब पी रखी है भारत की पूरी प्रतिभा एक तरह की शराब पीए हुए बैठी है और वह शराब है। इस बात की कि हम समस्याओं से घबराकर समस्याअ ों को ही इंकार कर दिए हैं।
इसलिए पांच हजार सालों के इतिहास में हमने एक भी समस्या हल नहीं की कोई भी समस्या हल नहीं की हल करने का हमने सवाल ही नहीं उठाया अगर आदमी क
उम्र कम है तो हम कहते - भाग्य में इतना लिखा हुआ है सारी दुनिया में उम्र बढ़ ती चली जाती है सिर्फ हमारे भाग्य में उम्र लिखी हुई है फिर उसके भाग्य में उम्र नहीं लिखी हुई है, स्वीजरलेंड के भाग्य में उम्र नहीं लिखी हुई है, अमेरिका के भाग्य में उम्र नहीं लिखी हुई है । १९१७ में रूस में क्रांति हुई तब वहां की औसत उम्र ते ईस वर्ष थी आज उनकी औसत उम्र अड़सठ वर्ष है उनकी उम्र भाग्य में लिखी हुई नहीं थी भारत की उम्र भाग्य में लिखी हुई है यहां का पढ़ा लिखा आदमी भी चार आने के, किनारे रास्ते के बैठे ज्योतिषि से अपनी उम्र पूछता है पढ़ा लिखा आदमी उम्र पूछने चार आने के आदमी के पास जाता है और उम्र का पता लगता है। उम्र
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