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________________ भारत की खोज हता है वह बिछुड़ जाता है। जिस धन को इकट्ठा किया था वह डूब जाता है, जिस मकान को बनाया था उसमें आग लग जाती तब वह एक दम मरना चाहता है। वह कहता है अब मैं मरना चाहता हूं मैं जीना नहीं चाहता। क्यों मरना चाहते हैं अ प? शायद मन भीतर से कहता है कि अब मरने में ही सुरक्षा मिल सकती है मर जाओ सुरक्षित हो जाओगे। आदमी शराब पीकर चिंता को भूलना चाहता है क्यों ? आदमी सोकर चिंता को भूलना चाहता है क्यों ? सोने में थोड़ी देर के लिए अस्थाई मृत्यु घटित हो जाती है। टैम्प्रेरी डैथ थोड़ी देर के लिए आप मर जाते हैं। थोड़ी देर के लए दुनिया खत्म हो जाती है आप खत्म हो जाते हैं। वही शराब भी काम करती है । शराब में थोड़ी देर के लिए सब मिट जाता है, आप मर जाते हैं, वह भी टैम्प्रेरी डैथ है। शराब पीने वाला भी आत्मघाती है। अपने को भूलाने की सब कोशिश आत्म घात है। या जिंदगी में इतनी चिंता आ जाती है कि सुरक्षा नहीं मिलती तो आदमी मर जाता है। पश्चिम में रोज हजारों लोग आत्महत्या कर रहे हैं, क्यों ? घबरा गए हैं जिंदगी की असुरक्षा से। मर जाने में लगता है कि ठीक है मर जाओ, मर जाने से सब झुटकारा हो जाएगा। मरने से बचने की चेष्ठा भी सुरक्षा के लिए है, और अंत में मर जाने की कामना भी सुरक्षा के लिए है, और मोक्ष की कामना भी सुरक्षा के लिए है । स्व र्ग और भगवान के चरणों को पकड़ लेने की कामना भी सुरक्षा के लिए है। लेकिन यह ध्यान रहे कि जो सुरक्षित हो जाता है वह जीवन से पीठ फेर लेता है, और सा रा आनंद है जीवन में। और सारी मुक्ति है जीवन में और सारा परमात्मा है जीवन में। उस जीवन में जहां मृत्यु भी है, उस जीवन में जहां चिंता भी है उस जीवन में जहां समस्याएं भी हैं, उन सबका इकट्ठा स्वीकार ही जीवन को जीने की कला है। यह जो हमारा अतीत से मोह है वह सुरक्षा के कारण है । भय को छोड़ना पड़ेगा जी वन का भय। बहुत कम लोग हैं जो जीने की हिम्मत जुटा पाते हैं। यह बात अजीब मालूम पड़ेगी। लेकिन बहुत कम लोग हैं जो जीने की हिम्मत जुटा पाते हैं। मरने की हिम्मत बहुत लोग जुटा लेते हैं। जीने की हिम्मत बहुत कम लोग जुटा पाते हैं। जो जीने की हिम्मत जुटा लेता है उसे ही मैं संन्यासी कहता हूं। संन्यासी का मतलब है जिसने सुरक्षा को छोड़ दिया, असुरक्षा को वरण कर लिया। लेकिन जिसको हम संन्यासी कहते हैं वह संन्यासी नहीं। वह छोटी सुरक्षा को छोड़ता है। बड़ी सुरक्षा को वरण कर लेता है। और मौलिक सुरक्षा को कभी नहीं छोड़ता । एक संन्यासी, संन्यासी होने के बाद भी हिंदू बना रहता है, मुसलमान बना रहता है, जैन बना रहता है क्यों? वह कहता है, 'मैंने घर छोड़ दिया है सुरक्षा छोड़ दी, मैं ने पत्नी छोड़ दी सुरक्षा छोड़ दी, मैंने धन छोड़ दिया सुरक्षा छोड़ दी, लेकिन जैन ह ेना नहीं छोड़ता, क्योंकि अगर जैन होना छोड़ दे तो जैन समाज से जो सुरक्षा मिल रही है वह मिलनी बंद हो जाएगी। अगर हिंदू होना छोड़ दे तो हिंदू जो कहते हैं जगतगुरु है यह, वह कहना बंद कर देंगे। अगर मुसलमान होना छोड़ दे तो मस्जिद Page 58 of 150 http://www.oshoworld.com
SR No.100003
Book TitleBharat ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size1 MB
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