SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भारत की खोज लेकिन त क दांत बराबर हैं।' अरस्तु ने जो लिखा है वह गलत लिखा है । यह... र्कशास्त्र भी नहीं सीखाता, तब तो बड़ी मुश्किल हो गई । तो विज्ञान कैसे पैदा होगा ? विज्ञान पैदा होता है चिंतना से, चिंतना पैदा होती है सं देह से, संदेह पैदा होता है जिज्ञासा की शिक्षा से, तो जिज्ञासा की शिक्षा चाहिए कि बच्चे पूछ सकें, बच्चे पूछते हैं, क्योंकि हर बच्चा संदेह लेकर पैदा होता है। संदेह प रमात्मा का सबसे बड़ा वरदान है। हर बच्चे में परमात्मा संदेह का बीज रोपता है। क्योंकि संदेह से ही, संदेह के बीज से ही ज्ञान का वृक्ष विकसित होगा। लेकिन समा ज ज्ञान नहीं चाहती समाज अज्ञानी लोगों की भीड़ चाहती हैं। पुरोहित, धर्मगुरु, रा जनेता सब तरह के शोषक वह सब चाहते हैं कि भीड़ अज्ञानी हो। क्योंकि जिस दिन ज्ञान विस्तीर्ण होगा उसी दिन बगावत शुरू हो जाएगी । तो भगवान तो हर आदमी में संदेह पैदा करता है बच्चा तो जन्म से ही संदेह करने लगता है। वह पूछता है ऐसा क्यों है ? यह वृक्ष हरा क्यों है ? यह बच्चे कहां से पैद होते हैं? यह सब दुनिया कहां से आई, चांद कितनी दूर है, चांद को हम हाथ में ले सकते है या नहीं कहते । और बाप डांट- डांटकर चुप करता है कि चुप रहो बक वास बंद करो। हम जानते हैं कि तुम कुछ भी नहीं जानते हो। हम जो कहते हैं वह ठीक है। बच्चे की जिज्ञासा की हत्या की जाती है फिर विज्ञान कैसे पैदा होगा। फि र विज्ञान पैदा नहीं हो सकता। बच्चे की जिज्ञासा बढ़ाई जानी चाहिए । लेकिन धर्मगु रु सदा से ज्ञान के दुश्मन रहे हैं । बाईबिल की कहानी आपने सुनी होगी। आपने सुना होगा आदम को इडन के बगीचे से क्यों निकाला गया। उसे इसलिए निकाला गया कि बड़ी मजेदार कहानी पुरोहितों ने लिखी। और वह कहानी यह लिखी कि भगवान ने इडन के बगीचे में, अदम को कहा, 'तुम खूब मजे से रहो आनंद से रहो, जीवन भोगो लेकिन एक बात खयाल र खना एक जार है ट्री ऑफ नौलिज । एक ज्ञान का वृक्ष है तुम उसके फल मत चखना ! बस उसके फल चखे कि हम तुम्हें निकाल बगीचे के बाहर कर देंगे। यह बड़े मजे की बात भगवान ने कही भगवान ज्ञान का दुश्मन मालूम होता । लेकिन ऐसा मालूम होता है कि भगवान को पता ही नहीं होगा कि कहानी पुरोहितों ने गढ़ी है। पुरोहित ज्ञान के दुश्मन हैं। लेकिन रोक दिया अदम को कि मत खाना इसका. लेकिन जिस चीज से रोका जाए उसकी तरफ मन होना स्वभाविक है। लेकिन अदम के मन में टैप्पेशन शुरू हो गया होगा, स्वभाविक था । अगर पूना में एक वृक्ष हो अ और सारे लोगों को कह दिया जाए कि इस वृक्ष के फल मत खाना ! और सब खाओ। और सारे वृक्ष बेकार हो जाएंगे। उसी वृक्ष की तरफ सारे लोग चल पढ़ेंगे उसके फ ल खाकर देख लेना चाहिए मामला क्या है । पुरोहित कहते हैं, 'शैतान ने आदम को भड़काया, शैतान ने आदम को भड़काया, शैतान ने नहीं भड़काया । आदम की जिज्ञा सा आदम का संदेह, आदम जानना चाहता है कि ज्ञान का फल क्या है । कोई शैतान नहीं है कहीं लेकिन पुरोहित कहते हैं कि संदेह शैतान है । Page 29 of 150 http://www.oshoworld.com
SR No.100003
Book TitleBharat ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy