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________________ भारत की खोज वह तो जिन्होंने मारा, कोई गोमसे अकेला नहीं था वह एक प्रतिनिधि था एक वर्ग का। एक वर्ग है पीछे वह आज भी है वह बीस साल चुप रह लिया, क्योंकि. वही जरूरी है। वही जरूरी है। गोमसे क्या करेंगे, किसी को काट कर गोमसे क्या क काट सकते हैं? वह तो गधे हैं इनकी नासमझी की वजह से तो भारी नुकसान होता है । यह आमेंट का मामला ही तोड़ देते हैं। वाचक-लेकिन . (अस्पष्ट ) गांधी जी ने बहुत शक्ति की, गांधी की शक्ति का एकाग्र नहीं है। इतनी कि हिटलर ने भी नहीं की। क्योंकि दिखलाई तो पूरा गांधी का मामला पढ़ोगे तो बहुत घबरा जाओगे। लेकिन कोई पढ़ ही नहीं रहा है, क्योंकि हम तो सिर्फ नेतागण जो वाह वा ही की बातें करते हैं तो वह सुनते हैं। करांची में कांोंस थी कांग्रेस की, कांग्रेस की बैठक थी। तो गांधी जी तो हमेशा कह ते थे कि मेरा कोई वाद नहीं है। वहां कम्यूनिष्टों ने काले झंडे दिखाए करांची में, अ और गांधीवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए। वह मंच पर बैठे थे, उसी वक्त झंडे निकालक र उन्होंने चिल्लाया, ‘गांधीवाद मुर्दावाद ।' उनको एकदम गुस्सा आ गया। उन्होंने मा ईक पर जो शब्द कहे, वह भूल में निकल गए । फिर जिंदगी भर पछताए, शब्द यह निकल गए कहा उन्होंने कि, 'गांधी मर सकता है, गांधीवाद अमर है।' और हमेशा कहते थे कि गांधीवाद है ही नहीं। गांधी मर सकता है गांधीवाद अमर है। यह जल्दी में और गुस्से में निकल गए। मेरा मतलब समझ रहे हैं ना। लेकिन यह ज् यादा अर्थेटिक हैं जो मैं सुबह कह रहा था । यह सब कोन्सैस से आया। यह सब कान्सैस से यह भीतर से आया। यह ऊपर से नहीं आया। हो गई कि हम व्यक्तियों का विश्लेषण ही नहीं ण पूरा का पूरा खयाल में आ सके कि कहां से आ रहा है. मेरी मर्जी लगती नहीं, मेरी मर्जी लगती नहीं । क्यों यह समझना मुश्किल है कि आ म आदमी गोमसेवादी होता है। अगर उसकी बात ना मानूं तो मारने की तबियत हो ती है। अभी मुझे कितनी चिट्टियां पहुंची हैं कि आप फलां बात मत कहिए नहीं तो आपको गोली मार दी जाएगी। अब यह कोई गोमसे नहीं है बेचारों के दिमाग वही है । आया । यह भीतर से आया । लेकिन यह हमारी तो क्या कठिनाई करते कि कुछ खोजें कि वह विश्लेष अभी पटना में मैं शंकराचार्य के खिलाफ बोला बस उसी क्षण एक चिट्ठी पहुंच गई, क अगर आप शंकराचार्य के खिलाफ एक शब्द बोले तो आप पटना से जिंदा नहीं ज सकेंगे। अव गोमसेवादी कौन है ? हम सब गोमसे वादी हैं। अब बाप की अगर बेटा ना माने तो बाप कहता है कि चपत लगाऊंगा ठीक कर दूंगा । वह क्या कह रहा है ? वह गो मसेवादी है। वह यह कह रहा है कि हम बाप हैं हम तुमको मार सकते हैं अगर नह माना तुमने तो लड़का कहता है कि, 'मुझे फलां लड़की से शादी करनी है।' बाप Page 146 of 150. http://www.oshoworld.com
SR No.100003
Book TitleBharat ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size1 MB
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