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________________ भारत का भविष्य जीसस ने कहा, तुम मुझे पहचाने नहीं, मैं हूं वही जीसस क्राइस्ट, ईश्वर का पुत्र । वे लोग हंसने लगे और कहा, जल्दी भाग जाओ, अगर पादरी निकलने वाला है, पता चल गया तो मुसीबत में पड़ जाओगे। क्योंकि पादरी का कहना है कि जीसस हो चुके, अब कभी नहीं होंगे। सभी यही कहते हैं। जैनी कहते हैं, हमारा आखिरी तीथकर हो चुका अब कोई तीथकर नहीं होगा। क्योंकि तीथ[]कर हमेशा खतरनाक होता है। तीथकर आ जाए तो बनी बनाई सारी दुकानदारी मिटा दे । मुसलमान कहते हैं हो चुका पैगंबर हमारा मोहम्मद, अब कोई पैगंबर नहीं होगा। क्योंकि पैगंबर आ जाए तो सारी मुसलमानी बेवकूफी को आग लगा दे। जीसस का मानने वाला कहता है, अब कोई जीसस नहीं होंगे। ईश्वर का इकलौता बेटा था वह हो चुका एक दफा । उन लोगों ने कहा, तुम भाग जाओ जनाब, नहीं तो बहुत दिक्कत में पड़ जाओगे। लेकिन तभी वह पादरी भी निकल आया। पादरी के गले पर सोने का क्रास लटका हुआ है। बड़े मजे की बात, जीसस को जिस सूली पर लटकाया गया था वह लकड़ी की थी, पर पादरी सोने का क्रास लटकाए हुए है। सोने के कहीं क्रास हुए हैं। कोई पागल होगा जो सोने के क्रास बना कर किसी को लटकाने जाएगा। फिर भी जीसस ने सोचा कि पादरी तो जरूर मुझे पहचान लेगा। देखो मेरा क्रास लटकाए हुए है। उस पादरी ने आकर भीड़-भाड़ में, रास्ता बना दिया लोगों ने, जीसस के लिए कोई सुनने को तैयार न था, पादरी के लिए रास्ता बना दिया। पादरी अंदर आया लोग झुक-झुक कर नमस्कार करने लगे। जीसस बहुत हैरान हुए, मैं खड़ा हूं मुझे कोई नमस्कार नहीं करता, मेरे पादरी को लोग नमस्कार करते हैं । पादरी अंदर आया और उसने कहा कि तुम कौन हो ? यह क्या तुमने ढोंग रचा हुआ है? जीसस ने कहा, ढोंग नहीं, मैं वही हूं ईश्वर का पुत्र, जीसस क्राइस्ट । पहचाने नहीं, तुम भी नहीं पहचाने। उस पादरी ने चार लोगों से कहा, पकड़ो इस बदमाश को, यह अपने को जीसस कह रहा है, अपमान कर रहा है हमारे भगवान का । जीसस ने कहा, मैं वही हूं, अपमान नहीं कर रहा। जीसस तो घबड़ाए । चार लोगों ने उन्हें पकड़ लिया, भीड़ उन्हें ले चली। यह तो फिर वही होने लगा जो अठारह सौ साल पहले हुआ था । अरे, वह जीसस कहने लगे, क्या करते हो? मैं वही हूं। उन्होंने कहा, चुप, ज्यादा गड़बड़ मत करो। ले जाकर एक कोठरी में ताला डाल कर बंद कर दिया। ऐसे ही अठारह सौ साल पहले भी किया था। जीसस उस कोठरी में पड़े हुए रोने लगे। कि आश्चर्य! मेरे लोग भी यही व्यवहार करते हैं क्या मेरे साथ ? आधी रात पादरी ने दरवाजा खोला, अंदर आया, जीसस के पैरों पर गिर पड़ा और कहने लगा, महाशय ! हे प्रभु! मैं आपको पहचान गया था। लेकिन बाजार में सबके सामने नहीं पहचान सकता हूं। यह अकेले की पहचान अलग बात है। जीसस कहने लगे, सबके सामने क्यों नहीं पहचान सकते हो ? उस आदमी ने कहा कि सबके सामने पहचान कर क्या अपनी मुसीबत कराऊंगा ? यू ऑर द ओल्ड डिस्टर्बर। वही पुराने तुम गड़बड़ कर दोगे सब । हमने किसी तरह दुकानदारी अठारह सौ साल में जमाई है। तुम हमेशा गड़बड़ कर देते हो। तुम्हारी अब आने की कोई भी जरूरत नहीं है। हम काम बहुत अच्छे से संभाल रहे हैं। हम तुम्हारे दलाल, हम तुम्हारे एजेंट । हम काम बहुत अच्छी तरह संभाल रहे हैं। आपकी कोई भी जरूरत नहीं है। आप स्वर्ग में विश्राम करो। पृथ्वी पर हम ठीक से सब संभालते हैं। और अगर आपने गड़बड़ की तो हमें कष्ट तो बहुत होगा, लेकिन हमें फिर सूली लगानी पड़ेगी। इसके सिवाय कोई रास्ता नहीं । Page 78 of 197 http://www.oshoworld.com
SR No.100002
Book TitleBharat ka Bhavishya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages197
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size2 MB
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