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________________ अध्याय १८: झेंप-मेरी काल ३ परंतु नर-मक्खी कुछ काम नहीं करता-- हां, खाता-पीता अलबत्ता रहता है । समितिमें और लोग तो अपने-अपने मत प्रदर्शित करते; पर मैं मुंह सींकर चुपचाप बैठा रहूं--- यह भद्दा मालूम होता था। यह बात नहीं कि बोलने के लिए मेरा दिल न होता, पर समझ ही नहीं पड़ता कि बोलू कैसे ? सभी सदस्य मुझे अपनेसे अधिक जानकार दिखाई देते। फिर ऐसा भी होता कि कोई विषय मुझे बोलने योग्य मालूम हुआ और मैं बोलनेकी हिम्मत करने लगता कि इतनेमें ही दूसरा विषय चल निकलता । बहुत दिनोंतक ऐसा चलता रहा। एक बार समितिमें एक गंभीर विषय निकला। उसमें योग न देना मुझे अनुचित या अन्याय जैसा लगा। चुपचाप मत देकर खामोश हो रहना दब्बूपन मालूम हुआ। मंडलके अध्यक्ष 'टेम्स आयर्न वर्क्स' के मालिक मिस्टर हिल्स थे। वह कट्टर नीतिवादी थे। प्रायः उन्हीं के द्रव्यपर मंडल चल रहा था। समितिके बहुतेरे लोग उन्हींकी छत्रछायामें निभ रहे थे। इस समितिमें डाक्टर एलिन्सन भी थे। इन दिनों संतति-निग्रहके लिए कृत्रिम उपाय काममें लानेकी हलचल चल रही थी। डा० एलिन्सन कृत्रिम उपायोंके हामी थे और मजदूरोंमें उनका प्रचार करते थे। मि. हिल्सको ये उपाय नीति-नाशक मालम होते थे। उनके नजदीक अन्नाहारी-मंडल केवल भोजन सुधारके ही लिए नहीं था, बल्कि एक नीति-वर्धक मंडल भी था, और इस कारण उनकी यह राय थी कि डा० एलिन्सन जैसे समाज-घातक विचार रखनेवाले लोग इस मंडल में न होने चाहिएं। इसलिए डा० एलिन्सनको समितिसे हटानेका प्रस्ताव पेश हुआ। मैं इस चर्चामें दिलचस्पी लेता था। डा० एलिन्सन के कृत्रिम उपायोंवाले विचार मुझे भयंकर मालूम हुए। उनके मुकाबले में मि० हिल्सके विरोधको मैं शुद्ध नीति मानता था। मि० हिल्सको मैं बहुत मानता था। उनकी उदारताको मैं आदरकी दृष्टि से देखता था। परंतु एक अन्नाहार-वर्धक-मंडलमेंसे एक ऐसे पुरुष का निकाला जाना जो कि शुद्ध नीतिका कायल न हो, मुझे बिलकुल अन्याय दिखाई पड़ा। मेरा मत हुआ कि स्त्री-पुरुष-संबंध-विषयक हिल्स साहबके विचारोंसे अन्नाहारी-मंडलके सिद्धांतका कोई संबंध न था, वे उनके अपने विचार थे। मंडलका उद्देश्य तो था केवल अन्नाहारका प्रचार करना, किसी नीति-नियमका प्रचार नहीं। इसलिए मेरा यह मत था कि दूसरे कितने ही नीति-नियमोंका
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
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