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________________ आत्म-कथा : भाग १ ही जाता। कुटुंबके लोगोंको एक-न-एक दिन भोजनके लिए बाहर ले जाने के शिष्टाचारका पालन करना जरूरी था। फिर उनके साथ कई बार दावतोंमें जाना पड़ता और उसमें गाड़ी-भाड़ा लगता ही। मालकिन की लड़की यदि साथ हो, तो उसको अपना खर्च न देने देकर खुद ही देना उचित था। और दावतमें बाहर जानेपर घर खाना न होता; उसके भी पैसे देने पड़ते और बाहर भी खर्च करना पड़ता। मैंने देखा कि यह खर्च बचाया जा सकता है; और यह भी ध्यान में पाया कि लोक-लाजसे जो कितना ही खर्च करना पड़ता है वह भी बच सकता है। अब कुटुंबके साथ रहना छोड़कर अलग कमरा लेकर रहनेका निश्चय किया, और यह भी तय किया कि कामके अनुसार तथा अनुभव प्राप्त करनेके लिए अलग-अलग मुहल्लोंमें घर लेने चाहिए। घर ऐसी जगह पसंद किया कि जहांसे कामके स्थानपर पैदल जा सकें और गाड़ी-भाड़ा बच जाय । इससे पहले जानेके लिए एक तो गाड़ी-भाड़ा खरचना पड़ता और, दूसरे, घूमने जानेके लिए अलग वक्त निकालना पड़ता । अब ऐसी तजवीज की गई कि जिससे कामपर जानेके साथ ही घूमना भी हो जाया करता। आठ-दस मील तो मैं सहज घूम-फिर डालता। प्रधानत: इसी एक आदतके कारण मैं विलायतमें शायद ही बीमार पड़ा होऊं। शरीर ठीक-ठीक सुगठित हुआ। कुटुंबके साथ रहना छोड़ कर दो कमरे किरायेपर लिये, एक सोनेके लिए और एक बैठनेके लिए। इस परिवर्तनको दूसरा युग कह सकते हैं। तीसरा परिवर्तन अभी आगे आने वाला था। इस तरह आधा खर्च बचा। पर समय ? मैं जानता था कि बैरिस्टरीपरीक्षाके लिए बहुत पढ़नेकी जरूरत नहीं है। इसलिए मैं बेफिकर था । मेरी कच्ची अंग्रेजी मुझे खला करती थी। लेली साहब के शब्द बी० ए० होकर मेरे पास आना, मुझे चुभा करते थे। इसलिए मैंने सोचा, बैरिस्टर होने के अतिरिक्त मुझे कुछ और अध्ययन भी करना चाहिए । आक्सफर्ड, केंद्रि जमें पता लगाया । कितने ही मित्रोंसे मिला। देखा कि वहां जानेसे खर्च बहुत पड़ेगा और पाठ्य-क्रम भी लंबा है। मैं तीन वर्षने ज्यादा वहां रह नहीं सकता था। किसी मियने कहा, "यदि तुम कोई कठिन परीक्षा ही देना चाहते हो तो लंदनती प्रवेश परीक्षा पास कर लो। उसमें परिश्रम काफी करना पड़ेगा और सामान्य ज्ञान भी बढ़ जायगा ।
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
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