SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 345
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अध्याय २६ : सत्याग्रहकी उत्पत्ति ३२५ चीज दरअसल क्या है । गुजराती में हम उसे 'पैसिव रेजिस्टेंस' इस अंग्रेजी नामसे पहचानने लगे; पर जब गोरोंकी एक सभामें मैंने देखा कि 'पैसिव रेजिस्टेंस'का संकुचित अर्थ किया जाता है, वह निर्वलका हथियार समझा जाता है, उसमें द्वेषके अस्तित्वकी भी संभावना है और उसका अंतिम रूप हिंसामें परिणत हो सकता है तब मुझे इस शब्दका विरोध करना पड़ा और भारतीयोंके संग्रामका सच्चा रूप लोगोंको समझाना पड़ा-- और उस समय हिंदुस्तानियोंको अपने संग्रामका परिचय कराने के लिए एक नया शब्द गढ़नेकी जरूरत पड़ी। परंतु मुझे इसके लिए कोई स्वतंत्र शब्द मूझ नहीं पड़ता था। अतएव उसके नामके लिए एक इनाम रक्खा गया और 'इंडियन ओपीनियन के पाठकोंमें. उसके लिए एक होड़ शुरू कराई। इसके फलस्वरूप मगनलाल गांधीने 'सत्-- आग्रह = सदाग्रह' शब्द बनाकर भेजा। उन्हें इनाम मिला; परंतु सदाग्रह शब्द को अधिक स्पष्ट करने के लिए मैंने बीच में 'य' जोड़कर सत्याग्रह शब्द बनाया; और फिर इस नामसे वह संग्राम पुकारा जाने लगा। इस युद्धके इतिहासको दक्षिण अफ्रीकाके मेरे जीवनका और विशेष करके मेरे सत्यके प्रयोगोंका इतिहास कह सकते है। इस युद्धका इतिहास मैन बहुत-कुछ यरवदा-जेलमें लिख डाला था और शेषांश बाहर निकलनेपर पूरा कर डाला। वह सब 'नवजीवन में क्रमशः प्रकाशित हुआ है और बादको 'दक्षिण अफ्रीकाके सत्याग्रहका इतिहास' नामसे पुस्तक-रूपमें भी प्रकाशित हुआ है।' जिन सज्जनान उस न पढ़ा हो उनसे में पढ़ जानेकी सिफारिश करता हूं। उसे इतिहासमें जिन वातोंका उल्लेख हो चुका है उनको छोड़कर दक्षिण अफ्रीकाके मेरे जीवन के कुछ खानगी प्रसंग जो उसमें रह गये हैं वही इन अध्यायोंमें देनेका विचार करता हूं और उनके पूरा हो जानेके बाद ही हिंदुस्तानके प्रयोगोंका परिचय पाठकोंको करानेकी इच्छा है । 'हिंदीमें यह 'सस्ता-साहित्य मण्डल,' नई दिल्लीसे प्रकाशित हुआ है। -अनुवादक
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy