SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 310
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २६० आत्म-कथा : भाग ४ 'कुली लोकेशन' या भंगी-टोला ? हिंदुस्तान में हम उन लोगोंको जो सबसे बड़ी समाज-सेवा करते हैं, भंगी, मेहतर, देड़ आदि कहते हैं और उन्हें अछूत मानकर उनके मकान गांवके बाहर बनवाते हैं। उनके निवास स्थान को भंगी-टोला कहते हैं और उसका नाम लेते ही हमें घिन आने लगती है। इसी तरह ईसाइयोंके यूरोपमें एक जमाना था जब यहूदी लोग अछूत माने जाते थे और उनके लिए जो अलग मुहल्ला बसाया जाता था उसे 'बेटो' कहते थे। यह नाम अमंगल समझा जाता था। इसी प्रकारसे दक्षिण अफ्रीकामें हम हिंदुस्तानी लोग वहांके भंगी--अस्पृश्य--बन गये हैं। अब यह देखना है कि एंडरूज साहबने हमारे लिए वहां जो त्याग किया है और शास्त्रीजी ने जो जादूकी लकड़ी घुमाई है उसके फल-स्वरूप हम वहां अछूत न रहकर सभ्य माने जायंगे या नहीं ? हिंदुओंकी तरह यह भी अपनेको ईश्वरके लाडले मानते थे और दूसरोंको हेय समझते थे। अपने इस अपराधकी सजा उन्हें विचित्र और अकल्पित रीतिसे मिली। लगभग इसी तरह हिंदुओंने भी अपनेको संस्कृत अथवा आर्य समझकर खुद अपने ही एक अंगको प्राकृत, अनार्य या अछूत मान रक्खा है । इस पापका फल वे विचित्र रीतिसे--चाहे वह अनुचित रीतिसे क्यों न हो--दक्षिण अफ्रीका इत्यादि उपनिवेशोंमें पा रहे हैं और मैं मानता हूं कि उसमें उनके पड़ोसी मुसलमान और पारसी भी, जोकि उन्हींके रंग और देशके हैं, उनके साथ दुःख भोग रहे हैं । __ अब पाठक कुछ समझ सकेंगे कि क्यों यह एक अध्याय जोहान्सबर्गके 'कुली लोकेशन पर लिखा जा रहा है। दक्षिण अफ्रीकामें हम हिंदुस्तानी लोग 'कुली'के नामसे 'प्रसिद्ध' हैं। भारतमें तो 'कुली' शब्दका अर्थ है सिर्फ मजदूर; परंतु दक्षिण अफ्रीका में वह तिरस्कारसूचक है और यह तिरस्कार भंगी, चमार, पंचम इत्यादि शब्दोंके द्वारा ही व्यक्त किया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीकामें जो स्थान 'कुलियों के रहने के लिए अलग रक्खा जाता है उसे 'कुली लोकेशन' कहते हैं । ऐसा एक लोकेशन जोहान्सबर्गमें था। दूसरी जगह तो जो लोकेशन'
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy