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________________ अध्याय ७ : ब्रह्मचर्य--१ २०७ परंतु मि० हिल्सके द्वारा किये गये उनके विरोधका तथा अंतःसाधन--संयम--के ममर्थनका असर मेरे दिलपर बहुत हुआ और अनुभवसे वह चिरस्थायी हो गया। इस कारण प्रजोत्पत्तिकी अनावश्यकता जंचते ही संयम-पालनके लिए उद्योग प्रारंभ हुआ। संयम-पालनमें कठिनाइयां बेहद थीं। अलग-अलग चारपाइयां रक्खीं। इधर मैं रातको थककर सोनेकी कोशिश करने लगा। इन सारे प्रयत्नोंका विशेष परिणाम उसी समय तो न दिखाई दिया; पर जव मैं भूतकालकी अोर आंख उठाकर देखता हूं तो जान पड़ता है कि इन सारे प्रयत्नोंने मुझे अंतिम बल प्रदान किया है। ___ अंतिम निश्चय तो ठेठ १९०६ ई० में ही कर सका। उस समय सत्याग्रहका श्रीगणेश नहीं हुआ था। उसका स्वप्नतकमें मुझे खयाल न था। बोअरयुद्धके बाद नेटालमें 'जुलू' बलवा हुआ। उस समय में जोहान्सबर्गमें वकालत करता था; पर मनने कहा कि इस समय बलवे में मुझे अपनी सेवा नेटाल-सरकारको अर्पित करनी चाहिए। तदनुसार मैंने अर्पित की भी और वह स्वीकृत भी हुई। उसका वर्णन अब आगे आवेगा; परंतु इस सेवाके सिलसिलेसे मेरे मनमें तीव्र विचार उत्पन्न हुए। अपने स्वभावके अनुसार अपने साथियोंसे मैंने उसकी चर्चा की। मुझे जंचा कि संतानोत्पत्ति और संतान-पालन लोक-सेवाके विरोधक हैं। इस 'बलवे'के काममें शरीक होनेके लिए मुझे अपना जोहान्सबर्गवाला घर तितर-बितर करना पड़ा। टीमटामके साथ सजाये घरको और जुटाई हुई विविध सामग्रीको अभी एक महीना भी न हुआ होगा कि मैंने उसे छोड़ दिया। पत्नी और बच्चोंको फीनिक्समें रक्खा और मैं घायलोंकी शुश्रूषा करनेवालोंकी टुकड़ी बनाकर चल निकला। इन कठिनाइयोंका सामना करते हुए मैंने देखा कि यदि मुझे लोक-सेवामें ही लीन हो जाना है तो फिर पुत्रैषणा एवं धनैषणाको भी नमस्कार कर लेना चाहिए और वानप्रस्थ-धर्मका पालन करना चाहिए। _ 'बलवे' में मुझे डेढ़ महीनेसे ज्यादा न ठहरना पड़ा; परंतु ये छः सप्ताह मेरे जीवनका बहुत बेशकीमती समय था । व्रतका महत्त्व मैंने इस समय सबसे अधिक समझा। मैंने देखा कि व्रत बंधन नहीं, बल्कि स्वतंत्रता का द्वार है। आजतक मेरे प्रयत्नोंमें आवश्यक सफलता नहीं मिलती थी; क्योंकि मुझमें निश्चयका अभाव था। मुझे अपनी शक्तिपर विश्वास न था। मुझे ईश्वरकी कृपापर
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
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