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________________ अध्याय २४ : देशकी ओर १६६ अंच्छा मेल बैठ गया । एकके साथ तो रोज १ घंटा शतरंज खेला करता था। जहाजके डाक्टरन मुझे एक 'तामिल-शिक्षक' दिया था और मैंने उसका अभ्यास शुरू कर दिया था। नेटालमें मैंने देखा कि मुसलमानोंके निकट परिचयमें आनेके लिए मुझे उर्द सीखनी चाहिए, तथा मदरासियोंसे संबंध बांधनेके लिए तामिल जान लेना चाहिए। उर्दूके लिए मैंने अंग्रेज मित्रके कहनेसे डेकके यात्रियोंमेंसे एक अच्छा मंशी खोज निकाला था, और हम लोगोंकी पढ़ाई अच्छी चलने लगी थी। अंग्रेज अफसरकी स्मरण-शक्ति मुझसे तेज थी। उर्दू अक्षरोंको पहचाननेमें मुझे दिक्कत पड़ती थी; पर वह तो एक बार शब्द देख लेने के बाद उसे भूलता ही न था । मैंने अपनी मेहनतकी मात्रा बढ़ाई भी; पर उसका मुकाबला न कर सका । तामिलकी पढ़ाई भी ठीक चली। उसमें किसीकी मदद न मिल सकती थी। पुस्तक लिखी भी इस तरह गई थी कि बहुत मददकी जरूरत न थी। मुझे आशा थी कि देश जानेके बाद यह पढ़ाई जारी रह सकेगी; पर ऐसा न हो पाया। १८९३के बाद मुझे पुस्तकें पढ़ने का अवसर प्रधानतः जेलोंमें ही मिला है। इन दोनों भाषाओंका ज्ञानमैने बढ़ाया तो; पर वह सब जेल में ही हुआ-तामिलका दक्षिण अफ्रिकाकी जेल में और उर्दू का यरवड़ाम पर तामिल बोलनेका अभ्यास कभी न हुआ। पढ़ना तो ठीक-ठीक आ गया था; किंतु पढ़नेका अवसर न पानेसे उसका अभ्यास छूटसा जाता है, इस बातका मुझे बराबर दुःख बना रहता है। दक्षिण अफ्रीकाके मदरासी भाइयोंसे मैंने खब प्रेम-रस पिया है। उनका स्मरण मुझे प्रतिक्षण रहता है। जब-जब मैं किसी तामिलतेलगूको देखता हूं, तो उनकी श्रद्धा, उनकी उद्योगशीलता, बहुतोंका निःस्वार्थ त्याग, याद आये बिना नहीं रहता, और ये सब लगभग निरक्षर थे। जैसे पुरुष, वैसी ही स्त्रियां। दक्षिण अफ्रीकाकी लड़ाई ही निरक्षरोंकी थी और निरक्षर ही उसके लड़नेवाले थे। वह गरीबोंकी लड़ाई थी और गरीब ही उसमें जूझे। इन भोले और भले भारतवासियोंका चित्त चुरानेके लिए भाषाकी भिन्नता कभी बाधक न हुई। वे टूटी-फूटी हिंदुस्तानी और अंग्रेजी जानते थे और उससे हम अपना काम चला लेते थे; पर मैं तो इस प्रेमका बदला चुकाने के लिए तामिल सीखना चाहता था। अतः तामिल तो कुछ-कुछ सीख ली। तेलगू जाननेका
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
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